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बॉयकॉट चाइना: हीरो साइकल्स ने चीन को दिया 900 करोड़ रुपए का झटका, एमडी पंकज मुंजाल ने किया ऐलान

सीमा पर भारत के खिलाफ आक्रामकता दिखाना चीन को काफी महंगा पड़ने लगा है। देश के कॉर्पोरेट सेक्टर ने भी बॉयकॉट चाइना का बिगुल बजा दिया है। हीरो साइकल्स ने चीन को बड़ा झटका देते हुए 900 करोड़ रुपए के...

बॉयकॉट चाइना: हीरो साइकल्स ने चीन को दिया 900 करोड़ रुपए का झटका, एमडी पंकज मुंजाल ने किया ऐलान
एजेंसियां,लुधियानाSat, 04 Jul 2020 05:34 PM
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सीमा पर भारत के खिलाफ आक्रामकता दिखाना चीन को काफी महंगा पड़ने लगा है। देश के कॉर्पोरेट सेक्टर ने भी बॉयकॉट चाइना का बिगुल बजा दिया है। हीरो साइकल्स ने चीन को बड़ा झटका देते हुए 900 करोड़ रुपए के व्यापारिक सौदों को रद्द कर दिया है। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज मुंजाल ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की।

मुंजाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ''अगले तीन महीनों में हम चीन के साथ 900 करोड़ रुपये का व्यापार करने वाले थे। लेकिन हमने इन्हें रद्द कर दिया है। यह चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर प्रतिबद्धता है।''

कंपनी ऊंचे दर्जे के साइकलों के पार्ट्स आयात करती है और कई तैयार साइकल भी मंगाए जाते हैं, जिन्हें प्रफेशनल्स बाइकर्स खरीदते हैं। इन साइकलों की कीमत बाजार में 15 हजार से लेकर 7 लाख से अधिक तक है।

मुंजाल ने कहा कि उन्होंने चीनी कंपनियों के साथ व्यापार खत्म कर दिया है और नए बाजार की तलाश कर रहे हैं। चीन के विकल्प के रूप में मुंजाल जिन देशों पर विचार कर रहे हैं उनमें जर्मनी सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि हीरो साइकल जर्मनी में प्लांट लगाने की तैयारी में है, जहां से वह यूरोपीय बाजार की मांग पूरी करेंगे।

मुंजाल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में दुनियाभर में साइकिलों की मांग बढ़ गई है। हीरो साइकल्स इस मांग को पूरी करने के लिए क्षमता का विस्तार कर रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि छोटी कंपनियों को लॉकडाउन के दौरान नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, ''इसलिए हम उनकी मदद को आगे आए हैं और उन्हें टेक्निकल हेल्प देने को तैयार हैं ताकि वे उन पार्ट्स का निर्माण कर सकें जिन्हें अभी चीन से मंगाया जा रहा है।''

साइकल वैली से चीन का मुकाबला
मुंजाल ने कहा, ''लुधियाना के धानसु गांव में 'साइकल वैली' के बनने के बाद हम चीन से मुकाबला कर सकते हैं। यदि भारत लेटेस्ट कंप्यूटर बना सकता है तो हम हाईटेक साइकल क्यों नहीं बना सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि भारत में हर तरह की साइकल का निर्माण संभव है। 

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