मोरेटोरियम पर ब्याज माफी मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त के पहले हफ्ते तक के लिए सुनवाई टाल दी। सुप्रीम कोर्ट ने ब्याज माफी मामले पर विचार करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय को अधिक समय दिया है। बैंक ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय दिए जाने से ब्याज माफी के कुल बोझ का आकलन करने में मदद करेगा।बता दें बैंक ब्याज माफी के हक में नहीं है।
Supreme Court asks Centre and Reserve Bank of India to review the matter. Matter to be listed in the first week of August. Indian Banks Association (IBA) to see if new guidelines can be brought in force for moratorium issue, says SC. https://t.co/393KP57917
— ANI (@ANI) June 17, 2020
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इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों को तीन महीने के भीतर एक संयुक्त बैठक बुलाने के लिए कहा था ताकि यह तय किया जा सके कि 31 अगस्त तक छह महीने की अवधि के दौरान ईएमआई पर ब्याज बैंकों द्वारा वसूला जा सकता है या नहीं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार तक सुनवाई को स्थगित कर दिया था।
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इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वो ब्याज माफ करने के लिए नहीं बल्कि टालने की बात कर रहा है। वित्त मंत्रालय और RBI को आपस में बैठक करने को लेकर कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दोनों की बैठक का इंतजाम करें। बता दें पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि आर्थिक पहलू लोगों के स्वास्थ्य से बढ़कर नहीं है। ये सामान्य समय नहीं हैं। एक ओर ईएमआई पर मोहलत दी जा रही है, लेकिन ब्याज में कुछ भी नहीं। यह ज्यादा नुकसान वाली बात है।
आगरा निवासी शर्मा ने दायर की है याचिका
आगरा निवासी शर्मा ने ऋण स्थगन अवधि के दौरान की कर्ज की राशि के भुगतान पर ब्याज वसूल नहीं करने की राहत देने का सरकार और रिजर्व बैंक को निर्देश देने का अनुरोध किया है। केन्द्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह इस संबंध में वित्त मंत्रालय का जवाब दाखिल करना चाहेंगे और इसके लिए उन्हें वक्त चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता ने कहा कि अब स्थिति साफ है और रिजर्व बैंक कह रहा है कि बैंक का मुनाफा प्रमुख है।
बता दें होम लोन, पर्सनल लोन, वाहन कर्ज की ईएमआई चुका रहे लोगों के लिए आरबीआई ने राहत दी है। इसके मुताबिक उपभोक्ता जून, जुलाई और अगस्त की अपनी EMI चाहें तो होल्ड कर सकते हैं। यानी अगर आप अगले 3 महीने तक अपने लोन की ईएमआई नहीं देते हैं तो बैंक दबाव नहीं डालेगा। इससे पहले भी आरबीआई मार्च,अप्रैल और मई की ईएमआई होल्ड करने की छूट दे चुका था।