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जीएसटी रिटर्न की जांच होगी, कर चोरी की आशंका

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत दाखिल किए गए कुल बिक्री रिटर्न में से बहुत बड़े पैमाने पर आंकड़ों का मिलान नहीं हो सका है। इसके तहत कुछ ही कारोबारियों के शुरुआती बिक्री रिटर्न का मेल अंतिम रिटर्न के...

जीएसटी रिटर्न की जांच होगी, कर चोरी की आशंका
एजेंसी,नई दिल्ली Mon, 19 Mar 2018 07:57 AM
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माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत दाखिल किए गए कुल बिक्री रिटर्न में से बहुत बड़े पैमाने पर आंकड़ों का मिलान नहीं हो सका है। इसके तहत कुछ ही कारोबारियों के शुरुआती बिक्री रिटर्न का मेल अंतिम रिटर्न के साथ हो सका है। इसमें बड़ी कर चोरी की आशंका को देखते हुए राजस्व विभाग ने इसका विश्लेषण शुरू किया है।

जीएसटी रिटर्न के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई से दिसंबर के बीच 34  प्रतिशत कारोबारियों ने सरसरी तौर पर अपनी शुरुआती रिटर्न (जीएसटीआर-3बी) भरते समय 34,400 करोड़ रुपये कम कर का भुगतान किया है। इन कारोबारियों ने जीएसटीआर-3 बी रिटर्न दाखिल कर खजाने में 8.16 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि उनके जीएसटीआर-1 आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि उनकी कुल कर देनदारी 8.50 लाख करोड़ रुपये होनी चाहिए। राजस्व विभाग के विश्लेषण के मुताबिक, 16.36 प्रतिशत कारोबारियों द्वारा भरी गई शुरुआती संक्षिप्त रिटर्न और कर भुगतान के आंकड़े ही उनकी  अंतिम रिटर्न और कर देनदारी से मेल खाते हैं। गौरतलब है कि देश में अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में बड़े सुधार के तहत जीएसटी प्रणाली को एक जुलाई 2017 से लागू किया गया है। ईवाई के भागीदारी अभिषेक जैन ने बताया कि जीएसटीआर-1 और उसके साथ ही जीएसटीआर-3बी में जो फर्क दिख रहा है, उसके बारे में सरकार को विस्तार से विश्लेषण करना होगा। हालांकि इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि जीएसटीआर-1 में क्रेडिट-डेबिट नोट को संज्ञान नहीं लिया गया जिसे कि जीएसटीआर- 3बी के आंकड़ों में शामिल किया गया हो।

करोड़ों का अधिक भुगतान
आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि जीएसटी के तहत पंजीकृत 49.36  प्रतिशत व्यवसायियों ने जुलाई-दिंसबर के दौरान 91,072 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर भुगतान किया है। जीएसटी के तहत उन्होंने 6.50  लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि उनके द्वारा दाखिल जीएसटीआर-1 दर्शाता है कि उनकी कुल कर देनदारी 5.59 लाख करोड़ रुपये ही होनी चाहिए।
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जेटली ने दिए थे निर्देश
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में जीएसटी परिषद ने गत 10 मार्च को हुई बैठक में जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी में आ रहे अंतर का विश्लेषण करने का निर्देश दिया था। इसके लिए राज्यों को भी निर्देश दिए गए थे। एएमआरजी के एसोसिएट पार्टनर रजत मोहन का कहना है कि अगर करदाता अपनी डाटा एंट्री के समय इतनी बड़ी मात्रा में गलतियां करेगा तो जीएसटी को स्वतंत्र कर व्यवस्था बनाने में बहुत मुश्किल आएगी।
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इतना जीएसटी वसूला
माह         कर (करोड़ रुपये में)
जुलाई        93,590 
अगस्त        93,029
सितंबर        95,132
अक्तूबर        85,931
नवंबर        83,716
दिसंबर         88,929
जनवरी        88,047

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