5.43 लाख कारोबारियों का जीएसटी पंजीकरण हो सकता है रद्द, छह महीनों से दाखिल नहीं किया है अपना रिटर्न
जीएसटी अधिकारियों ने 25,000 ऐसे शीर्ष करदाताओं को चिन्हित किया है, जिन्होंने पिछले महीने जीएसटी रिटर्न दाखिला किया था, लेकिन नवंबर में अभी तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है और उन्हें व्यक्तिगत रूप से...
जीएसटी अधिकारियों ने 25,000 ऐसे शीर्ष करदाताओं को चिन्हित किया है, जिन्होंने पिछले महीने जीएसटी रिटर्न दाखिला किया था, लेकिन नवंबर में अभी तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है और उन्हें व्यक्तिगत रूप से एसएमएस तथा ईमेल भेजकर इस बारे में जानकारी ली जाएगी। सूत्रों ने बताया कि राजस्व विभाग के अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद यह भी तय किया गया कि लगभग 5.43 लाख करदाताओं के जीएसटी पंजीकरण को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है, जिन्होंने पिछले छह या अधिक महीनों से अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है।
अबतक 80 लाख बिक्री रिटर्न या जीएसटीआर-3बी दायर
अभी तक लगभग 80 लाख बिक्री रिटर्न या जीएसटीआर-3बी दायर किए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि जीएसटी नेटवर्क, कर अधिकारियों के साथ इन 25,000 करदाताओं के साथ संवाद करेगा, जिन्होंने अक्टूबर महीने के लिए अंतिम तारीख 20 नवंबर 2020 तक जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल नहीं किया है। एक सूत्र ने बताया कि कर अधिकारियों से कहा गया है कि इस करदाताओं को 30 नवंबर तक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रेरित करें।
पंजाब ने जीएसटी राजस्व की भरपाई को कर्ज लेने के केंद्र के विकल्प को स्वीकार किया
कांग्रेस शासित पंजाब ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की कमी को पूरा करने के लिए कर्ज लेने के केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत उसे विशेष माध्यम से 8,359 करोड़ रुपये मिलेंगे। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''पंजाब सरकार ने जीएसटी के लागू होने से हुई राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए विकल्प-1 को स्वीकार करने की सूचना दी है। इस विकल्प को चुनने वाले राज्यों की संख्या 26 हो गई है। तीनों केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी) ने भी विकल्प-1 को चुना है।
पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल को धनराशि मिलेगी
केंद्र ने पहले ही राज्यों की ओर से चार किस्तों में 24,000 करोड़ रुपये उधार लिए हैं और इसे 23 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों को 23 अक्टूबर, दो नवंबर, नौ नवंबर और 23 नवंबर को दिया जा चुका है। उधारी के अगले चक्र से पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल को धनराशि मिलेगी। इस सप्ताह की शुरुआत में केरल और पश्चिम बंगाल ने भी जीएसटी की कमी को पूरा करने के लिए इस उधारी विकल्प को स्वीकार करने की सूचना केंद्र को दी थी।
नुकसान की भरपाई के लिए कर्ज लेने की विशेष सुविधा
विकल्प-एक का चयन करने वाले राज्यों को जीएसटी के क्रियान्यन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कर्ज लेने की विशेष सुविधा दी जाएगी। साथ ही इस विकल्प को स्वीकार करने पर राज्यों को आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत राज्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत की अंतिम किस्त का कर्ज बिना किसी शर्त के लेने की अनुमति होगी। इस मिशन के तहत राज्य जीएसडीपी का कुल दो प्रतिशत उधार ले सकते हैं।