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यात्रियों को सस्ती उड़ान देने के लिए पहल, सरकार 25 हवाई अड्डों का निजीकरण करेगी

केंद्र सरकार हवाई यात्रियों की सस्ती उड़ान और बेहतर सुविधाएं देने के लिए 25 हवाई अड्डों का निजीकरण करेगी। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष गुरुप्रसाद मोहपात्रा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।...

एजेंसी नई दिल्लीेSat, 27 July 2019 04:28 AM
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केंद्र सरकार हवाई यात्रियों की सस्ती उड़ान और बेहतर सुविधाएं देने के लिए 25 हवाई अड्डों का निजीकरण करेगी। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष गुरुप्रसाद मोहपात्रा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सरकार एयरपोर्ट पर सुविधाएं और सेवाओं के विस्तार के तहत पहले चरण में छह एयरपोर्ट के निजीकरण का फैसला पहले ही कर चुकी है।

सरकार ने पिछले साल लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी एयरपोर्ट के परिचालन, प्रबंधन और विकास के लिए सरकारी-निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के आधार पर पहले ही मुहर लगा चुकी है। फरवरी में हुई बोली के दौरान अडाणी समूह ने इन छह में से पांच एयरपोर्ट का ठेका हासिल किया।

उसे अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम, लखनऊ, मंगलुरु और जयपुर एयरपोर्ट का ठेका मिला। मोहपात्रा ने कहा कि हम अगले चरण में 20 से 25 और एयरपोर्ट का निजीकरण करेंगे। ये सभी एयरपोर्ट ऐसे होंगे, जिनकी सालाना हवाई यात्रियों की क्षमता दस से 15 लाख के बीच होगी। मोहपात्रा एक अगस्त से वाणिज्य मंत्रालय में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार विभाग के सचिव का कार्यभार संभालेंगे।

केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एयरपोर्ट के निजीकरण और सुविधाओं के विस्तार के जरिये सरकार हवाई यात्रियों की संख्या को तीन गुना बढ़ाकर सालाना एक अरब तक पहुंचाना चाहती है, जो अभी 34.5 करोड़ है। 

10  से 15 लाख सालाना हवाई यात्री वाले हवाई अड्डों पर नजर

06 हवाई अड्डों का पहले ही हो चुका है निजीकरण

01 अरब पहुंचाने का लक्ष्य हवाई यात्रियों की सालाना संख्या

लागत कम होने का फायदा यात्रियों तक पहुंचेगा
विशेषज्ञों का कहना है कि एयरपोर्ट के निजीकरण से बेहतर सुविधाओं के साथ लागत भी कम होगी। परिचालन लागत कम होगी तो एयरलाइन भी यात्रियों को किफायती दरों पर टिकट दे पाएंगी और छोटे शहरों में हवाई सेवा बेहतर बनाने की उड़ान योजना सफल हो पाएगी। इसके तहत अधिकतम किराया 2500 रुपये रखा गया है और सरकार एयरलाइनों को उड़ान योजना के तहत चुने गए मार्गों पर सस्ते टिकट के बदले सब्सिडी देती है। कोशिश है कि  एयरपोर्ट प्रबंधन करने वाली और एयरलाइन अपने बलबूते यात्रियों को सस्ते टिकट उपलब्ध कराएं।

डिफेंस एयरपोर्ट का भी बेहतर इस्तेमाल होगा
सरकार देश के 15 डिफेंस एयरपोर्ट पर र्लैंंडग चार्ज खत्म करने का फैसला ले चुकी है, ताकि यहां हवाई कंपनियों के छोटे विमानों की कम लागत में उड़ान संभव हो सके। 80 सीटों की क्षमता वाले विमानों के लिए र्लैंंडग शुल्क पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।

‘उड़ान’ पर दो साल की मुहिम रंग  ला रही
उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) की शुरुआत 13 अप्रैल 2017 से शुरू हुई थी।इसमें 500 किलोमीटर तक की दूरी वाले शहरों को जोड़ा जा रहा है। उड़ान के तहत हवाई किराया 2500 रुपये से कम रखा जाता है और ज्यादा लागत का वहन केंद्र करता है।

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