Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Govt planning national e commerce regulator

कसेगा शिकंजा: ई कॉमर्स कंपनियों पर जांच की आंच

भारी छूट के जरिये बाजार बिगाड़ने को लेकर ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों का ऑडिट कराने की तैयारी है। फ्लिपकार्ट, अमेजन, पेटीएम मॉल समेत ई कॉमर्स के बड़े खिलाड़ी इसके दायरे में आ सकते हैं।  वॉलमार्ट और...

नई दिल्ली। हिटी Fri, 10 Aug 2018 06:47 PM
हमें फॉलो करें

भारी छूट के जरिये बाजार बिगाड़ने को लेकर ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों का ऑडिट कराने की तैयारी है। फ्लिपकार्ट, अमेजन, पेटीएम मॉल समेत ई कॉमर्स के बड़े खिलाड़ी इसके दायरे में आ सकते हैं। 

वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट के 16 अरब डॉलर के सौदे  को मंजूरी देने के साथ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने पाया है कि फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां अपनी वेबसाइट से छूट देकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसके बाद भारी छूट का लालच देकर ग्राहकों को लुभाने वाली कंपनियों के खिलाफ नियामकीय जांच शुरू हो सकती है। केंद्र सरकार ने मार्केटप्लेस मॉडल के तहत मार्च 2016 को ऑनलाइन रिटेल में सौ फीसदी एफडीआई की इजाजत दी थी।

इसमें ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा उत्पादों की कीमतों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित करने को लेकर रोक लगाई गई थी। सीसीआई ने कहा है कि एफडीआई नीति से जुड़े मुद्दे पर गौर करने की जरूरत है, ताकि ई कॉमर्स कंपनियां  सही मायने में एक ऑनलाइन बाजार मॉडल पर काम करें और सभी कारोबारियों को ग्राहकों तक पहुंच का समान अवसर मिल सके। कानूनी जानकारों का कहना है कि एफडीआई नियमों के उल्लंघन को लेकर सीसीआई या अन्य एजेंसी जांच कर सकती हैं।

अगर आरोप सही पाए गए तो इन कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।  प्रवर्तन निदेशालय ने 2013 में ई कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ ऐसी ही जांच की थी। दाम बिगाड़ने को लेकर ऐसे ही एक मामले में सीसीआई ने सीमेंट कंपनियों पर 6300 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। 

70 फीसदी छूट की पेशकश
फ्लिपकार्ट, अमेजन, पेटीएम मॉल जैसी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों ने स्वतंत्रता दिवस के पहले मोबाइल, टीवी, कपड़ों से लेकर तमाम उत्पादों पर 70 फीसदी तक छूट की पेशकश की है। 

कंपनियों का तर्क
ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों का तर्क है कि वे सीधे किसी उत्पाद पर कोई छूट नहीं दे रही हैं। बल्कि थर्ड पार्टी सेलर यानी सामान के असली विक्रेता की ओर से यह डिस्काउंट दिया जा रहा है। हालांकि सीसीआई ने पिछले दरवाजे से छूट के इस खेल को नकार दिया है। 

कैट ने सीसीआई से शिकायत की थी
खुदरा कारोबारियों के राष्ट्रीय संगठन कैट ने वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील के खिलाफ सीसीआई का दरवाजा खटखटाया था। कैट का कहना है कि फ्लिपकार्ट व अन्य कंपनियां अपनी पसंद के रिटेलर चुनती हैं, जिनके जरिये छूट का खेल चलता है। ये सभी विक्रेता बिजनेस टू बिजनेस मॉडल में फ्लिपकार्ट के ग्राहक हैं, उन्हें फ्लिपकार्ट की ओर से भारी छूट और सामान बेचने में तरजीह मिलती है। दिग्गज रिटेल कंपनी वॉलमार्ट के आने के बाद बाजार को बिगाड़ने का प्रयास तेज होगा, जिसमें छोटे दुकानदार बर्बाद हो जाएंगे। सौदे को मंजूरी के बाद कैट ने कोर्ट जाने का फैसला किया है। 

 जानें Hindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।

ऐप पर पढ़ें