Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Government will give cheap loan to the troubled industry due to the corona virus attack

कोरोना वायरस की मार से परेशान उद्योग जगत को सस्ता कर्ज देगी सरकार

कोरोना वायरस की मार से बुरी तरह परेशान उद्योग जगत के लिए सरकार जल्द बड़े राहत का ऐलान कर सकती है। सूत्रों ने बुधवार को हिन्दुस्तान को बताया कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भारतीय...

कोरोना वायरस की मार से परेशान उद्योग जगत को सस्ता कर्ज देगी सरकार
Drigraj Madheshia । सौरभ शुक्ल , नई दिल्लीThu, 12 March 2020 08:37 AM
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कोरोना वायरस की मार से बुरी तरह परेशान उद्योग जगत के लिए सरकार जल्द बड़े राहत का ऐलान कर सकती है। सूत्रों ने बुधवार को हिन्दुस्तान को बताया कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भारतीय उद्योग जगत को कोरोना संकट से उबारने के लिए कर्ज सस्ता करने की रणनीति बना रहे हैं। जल्द ही इसका ऐलान किया जा सकता है। गौरतलब है कि कोरोना संकट के सामने आते ही वित्त मंत्रालय ने इससे निपटने के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों के साथ बैठक की थी।

फार्मा और ऑटो सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित

सबसे ज्यादा प्रभावित फार्मा और ऑटो सेक्टर के साथ नीति आयोग ने भी विचार विमर्श किया था। इन सभी बैठकों के नतीजों के साथ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते एक अहम बैठक की है। इस बैठक में वित्त मंत्रालय ने सारे इनपुट के आधार पर प्रजेंटेशन दी है। बैठक में इस बारे में चर्चा की गई है कि उद्योग जगत को किस तरह से नकदी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। साथ ही सरकार के पास इससे निपटने के क्या क्या विकल्प खुले हैं। सूत्रों के मुताबिक बैठक के बाद प्रधानमंत्री की तरफ से मिले साफ निर्देशों के बाद आने वाले दिनों में कारोबारियों की नकदी और उनके कर्ज को लेकर बड़े ऐलाने होने के आसार हैं। 

छोटे-मझोले को विशेष राहत देने की योजना 

सूत्रों के अनुसार, सरकार छोटे और मझोले उद्योग को विशेष राहत देने की योजना बना रही है। इसके तहत छोटे और मझोले उद्योगों को जो खास तौर पर चीन के ऊपर निर्भर हैं यानी वहीं के कच्चे माल के आधार पर बने उत्पादों पर चलती हैं, उनके लिए सस्ते कर्ज की व्यवस्था कर सकती है। यही नहीं उन कंपनियों को पहले से दिए गए कर्ज मौजूदा कोरोना संकट के चलते एनपीए न हो जाए इसके लिए नियमों में ढील देने पर भी विचार चल रहा है। 

आरबीआई ने भी कदम उठाने शुरू किए

भारतीय रिजर्व बैंक कोरोना के देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को रोकने के लिए कई विकल्पों पर विचार शुरू कर दिया है। आरबीआई पहले ही संकेत दे चुका है कि साल 2008-09 के वैश्विक मंदी से लड़ने के दौर में जैसे प्रोत्साहन उद्योग जगत को दिए गए थे उसी तरह के इंतजाम फिर किए जा सकते हैं। इसके लिए कर्ज की दरों में और कटौती करने का विकल्प भी आरबीआई के सामने है। 

आरबीआई ने सभी बैंकों को आपात इंतजामों की तैयारी शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। बैंकों को कर्ज के ताजा हालात उद्योगों के हिसाब से तैयार करने को कहा गया है। साथ ही ये भी लिस्टिंग करने के निर्देश दिए गए हैं कि उनमें से कितना कर्ज कोरोना से प्रभावित है और उस पर आने वाले दिनों में एनपीए होने का खतरा है। सभी चीजों के आंकलन के बाद सरकार और रिजर्व बैंक अपना अगला कदम उठाएगा।   सरकार के कदमों का उद्योग जगत भी बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

लग सकता है एक साल का वक्त 

 डीसीएम श्रीराम इंडस्ट्रीज के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर आलोक बी श्रीराम ने हिंदुस्तान से बातचीत में कहा कि सरकार कोरोना वायरस का असर देश और दुनिया मे तेजी से फैलता जा रहा है और आशंका है कि इससे पूरी तरह निपटने में साल भर का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में इस पर तेजी से काम शुरू हो गया है। उनके मुताबिक सरकार को उद्योग जगत के लिए राहत के जो भी ऐलान करने हैं वो तेजी से करने चाहिए ताकि मुश्किल घड़ी में उद्योग जगत और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान कम से कम हो।

कोरोना वायरस संकट लंबा चलने से देश में बेरोजगारी बढ़ने का भी खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय उद्योग जगत को कच्चा माल चीन और दूसरे देशों से आता है। कच्चा माल उपलब्ध नहीं होने से कंपनियों में काम प्रभावित होगा जिससे बेरोजगारी बढ़ने का भी खतरा है। 

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