गूगल रिपोर्ट: देश की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन से पहले की तरह सामान्य होने की राह पर लौटी
देश की अर्थव्यवस्था पहले की तरह (लॉकडाउन से पहले) सामान्य होने की राह पर लौट आई है। सर्च इंजन गूगल की गतिशीलता रुझानों से यह जानकारी मिली है। गूगल की कोविद -19 कम्युनिटी मोबिलिटी रिपोर्ट के...
देश की अर्थव्यवस्था पहले की तरह (लॉकडाउन से पहले) सामान्य होने की राह पर लौट आई है। सर्च इंजन गूगल की गतिशीलता रुझानों से यह जानकारी मिली है। गूगल की कोविद -19 कम्युनिटी मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, अर्थव्यवस्था के छह मोर्चे पर इस बात के संकेत मिले हैं कि मांग में तेजी आई है। इनमें खुदरा और मनोरंजन, किराना और दवा, ट्रांसपोर्ट हब, पार्क, कार्यस्थलों, आवासीय क्षेत्रों में गतिशीलता शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 1 जून से गतिविधियों के स्तर में धीरे-धीरे सुधार हुआ है। गौरतलब है कि भारत ने 8 जून से लॉकडाउन में ढील देकर अपनी अर्थव्यवस्था को खोलना शुरू कर दिया, जिससे अधिक आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू किया जा सके।
किराना सामान और दवा की मांग पूर्व स्तर पर
गूगल की ओर से जुटाई गई डेटा के अुनसार, किराने के सामान और दवा जैसी आवश्यक वस्तुओं की मांग कोरोना काल से पूर्व के स्तर को फिर से छू गया है। यह वित्त मंत्रालय के अनुमान से मेल खाता है जिसमें कहा गया था कि लॉकडाउन में ढील देने के बाद एक बार फिर से अर्थव्यवस्था में तेज सुधार देखने को मिलेगा। इसके साथ ही महत्वपूर्ण आर्थिक मापदंड बताने वाले ईंधन, बिजली की खपत और खुदरा वित्तीय लेनदेन में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
तेल की मांग 88 फीसदी के स्तर पर आई
कोरोना संकट और लॉकडाउन से देश में पेट्रोलियम उत्पाद की खपत 2007 के बाद से सबसे कम हो गई थी लेकिन अब इसमें भी तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। देश में तेल की मांग पिछले महीने 88% तक पहुंच गया। इसके साथ ही सड़क निर्माण में प्रयुक्त बिटुमेन की मांग पिछले साल की तुलना में जून में 32% बढ़ गई है। जुलाई में और बड़े उछाल की उम्मीद जताई जा रही है।
दिल्ली-महाराष्ट्र में अभी भी सुस्ती
गूगल गूगल की गतिशीलता रुझानों के मुताबिक, कोरोना संकट से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में शामिल महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली में अभी भी सुधार की रफ्तार धीमी है क्योंकि यहां पर संक्रमण के मामले में कमी नहीं आ रही है। इन राज्यों में किराना स्टोर और फार्मेसी के दुकानों पर खरीदारी राष्ट्रीय औसत की तुलना में काफी कम है। राष्ट्रीय औसत के मुकाबले, दिल्ली में 26% जबकि महाराष्ट्र और तमिलनाडु में क्रमशः 25% और 22% की गिरावट ग्राहकों की संख्या में देखी गई।
जीएसटी संग्रह बढ़ा, बेरोजगारी कम हुई
जून महीने में जीएसटी संग्रह भी बढ़कर 90,917 करोड़ रुपये पहुंच गई। वहीं, तीन जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान बेरोजगारी दर गिरकर 8.9 फीसदी पर आई। मई, 2020 में यह बढ़ कर 23.5 पर पहुंच गई थी। इसी तरह कारों की बिक्री में भी एक बार फिर से सुधार देखने को मिला है।
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