41 दिन बाद 50 हजार के नीचे आया सोने का भाव, जानें कितना सस्ता हुआ सोना
मांग कमजोर पड़ने से वायदा बाजार में सोना बुधवार को 1.36 प्रतिशत टूटकर 49,698 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। 41 दिन दिन बाद सोना 50 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे उतरा है। इससे पहले 12 अगस्त को...
मांग कमजोर पड़ने से वायदा बाजार में सोना बुधवार को 1.36 प्रतिशत टूटकर 49,698 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। 41 दिन दिन बाद सोना 50 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे उतरा है। इससे पहले 12 अगस्त को सोना 1900 रुपये टूटकर 49955 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आया था। कोरोना के टीके को लेकर सकारत्मक खबरें आने साथ वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था के लिए उठाए जा कदमों की ओर से भी सोने की कीमतों में गिरावट आई ।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अक्तूबर महीने की डिलिवरी के लिए सोना 683 रुपये यानी 1.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49,698 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। इसमें 8,176 लॉट के लिये कारोबार हुआ। वहीं, न्यूयार्क में सोने का भाव 1.48 प्रतिशत गिरकर 1,879.30 डॉलर प्रति औंस रहा। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी नीति निर्माताओं ने कोरोना वायरस से पस्त हुए छोटे छोटे व्यवसायों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। इससे से सोन के दाम पर असर पड़ा है। प्रोत्साहन की आवश्यकता पर बल देते हुए शिकागो फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष चार्ल्स इवांस ने मंगलवार को कहा कि अगर कांग्रेस एक अतिरिक्त राजकोषीय पारित करने में विफल रहती है तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था एक लंबे समय तक धीमी और सुस्ती दिखा सकती है. ये सभी जोखिम लंबी अवधि के लिए सोने में तेजी का संकेत देते हैं. यूरोपीय शहरों में फैलने वाले वायरस के प्रकोप और आवाजाही और व्यापार पर नए अंकुश लगाने से पीली धातु की सुरक्षित निवेश मांग बनी रहेगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना है कि सोने की कीमत कई बातों पर निर्भर करती है। इसमें डॉलर की अन्य वैश्विक मुद्राओं की तुलना में कीमत, मांग, अर्थव्यवस्था की स्थिति सहित अन्य बातें भी सोने की कीमत तय करने में अहम भूमिका निभाती हैं। वहीं कोरना के टीका को लेकर अभी सबकी नजरें उसी पर टिकी हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी है तो वहीं कोरोना के टीका को लेकर भी सकारात्मक खबरें आ रही हैं। कोरोना का टीका आता है तो अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर आएगी और ऐसे में सोने में निवेश ज्यादा आकर्षक नहीं रह जाएगा। यही वजह है कि कीमतों में गिरावट आ रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि टीका को लेकर देरी की खबर सोने के दाम में उछाल की वजह भी बन सकती है।
क्या सोना खरीदना खरीदने का सही समय है
विशेषज्ञों का कहना है कि सोने में गिरावट बढ़ सकती है, क्योंकि सोना नीचे में प्रमुख स्तरों को तोड़ चुका है। उन्होंने कहा कि यह देखना चाहिए कि क्या सोना 1,820 डॉलर या 1,875 के अगले सपोर्ट लेवल को होल्ड कर सकता है या नहीं। यह लंबी अवधि के लिए निवेश करने के लिए अच्छा स्तर हो सकता है। वैश्विक कीमतों के स्तर पर पिछले साल के मुकाबले सोना निवेशकों को करीब 25 फीसदी रिटर्न दे चुका है।
दाम घटने की पांच वजह
- रुपया समेत अन्य मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में कमजोरी
- कोरोना का टीकी बनने को लेकर सकारात्मक खबरें
- अमेरिकी सरकार द्वारा छोटे उद्योगों के लिए मदद की तैयारी
- वैश्विक स्तर पर राजनैतिक उठापटक
- चीन का भारत और अमेरिका समेत अन्य देशों से तनाव