Gold ने किया सबको इतना मालामाल, जानें कैसे
सोने में निवेश परंपरागत रूप से आकर्षक रहा है। पिछले साल स्वर्ण एक्सचेंज ट्रेडेट फंड (गोल्ड ईटीएफ) ने 41 फीसदी तक रिटर्न के साथ सोने में सीधे निवेश को भी पीछे छोड़ दिया है। सोने में पिछले साल निवेशकों...
सोने में निवेश परंपरागत रूप से आकर्षक रहा है। पिछले साल स्वर्ण एक्सचेंज ट्रेडेट फंड (गोल्ड ईटीएफ) ने 41 फीसदी तक रिटर्न के साथ सोने में सीधे निवेश को भी पीछे छोड़ दिया है। सोने में पिछले साल निवेशकों को 28 फीसदी रिटर्न मिला है। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि निवेश में विविधता और उसपर जोखिम घटाने के लिए एक तय मात्रा में सोने में निवेश आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
क्या है गोल्ड ईटीएफ
सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ईटीएफ कहते हैं। यह म्यूचुअल फंड की स्कीम है। इसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर राशि मिलती है। यह सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है। इसकी खरीद यूनिट में की जाती है। आमतौर पर ईटीएफ के लिए डीमैट खाता जरूरी होता है।
इन कंपनियों ने दिया तगड़ा रिटर्न
म्यूचुअल फंड कंपनी डीएसपी ब्लैक रॉक और कोटक वर्ल्ड गोल्ड के गोल्ड ईटीएफ ने पिछले साल सबसे अधिक रिटर्न दिया है। कोटक वर्ल्ड गोल्ड में निवेशकों को 41 फीसदी रिटर्न मिला है। जबकि डीएसपी ब्लैक रॉक में एक साल में 35 फीसदी रिटर्न मिला है। हालांकि, वर्ष 2015 में इन दोनों कंपनियों के गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ था। उस समय कोटक वर्ल्ड गोल्ड में 24 फीसदी और डीएसपी ब्लैक रॉक में 18 फीसदी का नुकसान हुआ था।
कभी भी बेचने की सुविधा
शेयरों की तरह बेचने की सुविधा की वजह से जरूरत पड़ने पर किसी भी कारोबारी दिन इसे बेच सकते हैं। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि ज्वैलरी में निवेश करने की बजाय गोल्ड ईटीएफ में निवेश ज्यादा फायदेमंद है। गोल्ड ईटीएफ में रखरखाव शुल्क कम है और तीन साल बाद बेचने लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर लगता है जिससे टैक्स बचत होती है। वहीं सोने को बेचने पर 30 फीसदी तक मेकिंग चार्ज का नुकसान होता है।
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