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गोल्ड बॉन्ड में बाजार से सस्ते में सोना खरीदने का मिल रहा विकल्प

सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमत के बीच सरकार एक बार फिर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लेकर आई है। वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी और अंतिम श्रृखंला की इस स्कीम में निवेशक 13 सितंबर तक 3,890 रुपये प्रति ग्राम के भाव से...

गोल्ड बॉन्ड में बाजार से सस्ते में सोना खरीदने का मिल रहा विकल्प
Madan Tiwari नई दिल्ली। एजेंसी , Wed, 11 Sep 2019 05:31 AM
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सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमत के बीच सरकार एक बार फिर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लेकर आई है। वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी और अंतिम श्रृखंला की इस स्कीम में निवेशक 13 सितंबर तक 3,890 रुपये प्रति ग्राम के भाव से सोना खरीद सकते हैं। वहीं, ऑनलाइन खरीदारी पर 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट भी मिलेगी।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि गोल्ड बॉन्ड पहले के मुकाबले अब ज्यादा फायदेमंद हो गया है। ऐसा इसलिए कि सोना ने हाल ही में 40 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार किया है। दिवाली तक सोने का भाव 42 हजार पार जाने की उम्मीद है। ऐसे में निवेशकों के पास बाजार भाव से कम कीमत में सोना खरीदने का विकल्प है। 

क्या है स्वर्ण बॉन्ड

इस योजना की शरुआत नवंबर 2015 में हुई थी। इसका मकसद भौतिक सोने की मांग में कमी लाना तथा सोने की खरीद में उपयोग होने वाली घरेलू बचत का इस्तेमाल वित्तीय बचत में करना है। इसकी खरीद शेयरों की तरह यूनिट की तरह की जाती है और इसके तहत एक ग्राम सोने के दाम के मूल्य के बराबर का बॉन्ड भी खरीद सकते हैं। 

बेचने पर लाभ कर मुक्त

स्वर्ण बॉन्ड की बिक्री पर होने वाले लाभ पर किसी तरह का कर नहीं लगता है। वर्तमान समय में इसपर 2.50 फीसदी ब्याज मिल रहा है। हालांकि, इसके ब्याज पर आयकर नियमों के मुताबिक कर लगता है। स्वर्ण बॉन्ड पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) भी नहीं होती है।

आठ साल के लिए निवेश 

वित्तीय योजनाकार नवीन जूलियन रेगो का कहना है कि निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में आठ साल के लिए निवेश करना चाहिए। पोर्टफालियो में इसकी हिस्सेदारी 15 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर कोई निवेशक इस रणनीति के साथ गोल्ड बॉन्ड में निवेश करता है तो वह शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकता है। 

खरीदने का विकल्प 

आप गोल्ड बॉन्ड को ऑनलाइन खरीद सकते हैं। इसके अलावा इसकी बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, डाकघरों और शेयर बाजारों से कर सकते हैं।

लोन की सुविधा

गोल्ड बॉन्ड की एवज में बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। गोल्ड बॉन्ड पेपर को लोन के लिए कोलैटरल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 

निवेश पर जोखिम 

सॉवरेन गोल्ड में निवेश पर जोखिम की बात  करें तो अगर सोने के बाजार मूल्य में गिरावट आती है तो पूंजी नुकसान हो सकता है। हालांकि, लंबी अवधि में यह खतरा बहुत ही कम होता है। सोने के भाव में साल दर साल तेजी का सिलसिला जारी है और यह आगे भी रुकने वाला नहीं है। 

खरीदने की सीमा 

गोल्ड बॉन्ड में एक ग्राम से लेकर सालाना 4 किलो ग्राम सोने के मूल्य के बराबर निवेश किया जा सकता है। व्यक्तिगत रूप से एक निवेशक 500 ग्राम तक अधिकतम निवेश कर सकता है। वहीं हिंदू अविभाजित परिवार चार किलो ग्राम सोने के मूल्य के बराबार निवेश कर सकता है। 

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