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बजट 2022: ज्वेलरी पर राहत की उम्मीद में उद्योग, निर्मला सीतारमण से की ये मांग

आगामी 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश होने वाला है। बजट से पहले हर सेक्टर की ओर से राहत की मांग की जा रही है। ऐसी ही एक मांग रत्न और आभूषण उद्योग की ओर से की गई है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू...

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 29 Jan 2022 12:39 PM
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आगामी 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश होने वाला है। बजट से पहले हर सेक्टर की ओर से राहत की मांग की जा रही है। ऐसी ही एक मांग रत्न और आभूषण उद्योग की ओर से की गई है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) ने सरकार से जीएसटी (माल एवं सेवा कर) की दर को घटाकर 1.25 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। वर्तमान में रत्न एवं आभूषण पर जीएसटी की दर तीन प्रतिशत है।

इसके साथ ही रत्न और आभूषण उद्योग के प्रमुख निकाय जीजेसी ने वित्त मंत्री से पैन कार्ड की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का भी आग्रह किया है, क्योंकि ग्रामीण भारत में कई घरों में पैन कार्ड नहीं है और जरूरत के समय विशेषकर वैश्विक महामारी के समय में न्यूनतम आवश्यक आभूषण की व्यवस्था करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

जीजेसी ने सरकार से अनुरोध किया है कि सोने की न्यूनतम मात्रा पर उपयुक्त स्पष्टीकरण जारी किया जाए, जिसे कोई व्यक्ति किसी भी विभागीय अधिकारियों द्वारा पूछताछ किए बिना स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस) के तहत जमा कर सकता है। इसके अलावा उद्योग निकाय ने अनुरोध किया कि रत्न और आभूषण उद्योग को 22 कैरेट सोने के आभूषणों की खरीद के लिए ईएमआई सुविधा की अनुमति दी जानी चाहिए, जिससे महामारी के बाद उद्योग के कारोबार में पर्याप्त वृद्धि होगी।

जीजेसी के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा, ‘‘महामारी के इन मुश्किल समय के दौरान हमारे उद्योग को बहुत नुकसान हुआ है, और इसे के वी कामत की रिपोर्ट में 'तनावग्रस्त क्षेत्रों' में से एक के रूप में भी चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमने आयकर अधिनियम की धारा 40 ए में बदलाव का प्रस्ताव दिया है ताकि प्रतिदिन 10,000 रुपये की मौजूदा दैनिक नकद सीमा को बढ़ाकर 1,00,000 रुपये किया जा सके।’’

उन्होंने कहा कि जीजेसी ने सरकार से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आभूषणों की खरीद पर बैंक कमीशन (1-1.5 प्रतिशत) को माफ करने का भी आग्रह किया है। इससे रत्न और आभूषण उद्योग 'डिजिटल इंडिया' को बढ़ावा देने में भूमिका निभा सकेगा।

ये भी है मांग: आगामी बजट के लिए जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने भी कई मांग की है। रत्न और आभूषण निर्यात को बढ़ावा देने के लिए शीर्ष निकाय ने भी कटे और पॉलिश किए गए हीरे पर आयात शुल्क को 7.5% से घटाकर 2.5% करने का आग्रह किया है।

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