अडानी समूह पर Hindenburg की रिपोर्ट से सहमे बैंक? कर्ज पर SBI ने कही ये बात
एसबीआई के अधिकारी ने कहा कि अडानी समूह को जो कर्ज दिया गया है, वो आरबीआई की लिमिट के भीतर ही है। सभी नियमों का पालन किया गया है। आपको बता दें कि Hindenburg की रिपोर्ट में अडानी पर कई आरोप लगे हैं।

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अमेरिका के फर्म Hindenburg रिसर्च की रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी समूह के भविष्य को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। अब इस माहौल के बीच उन बैंकों ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिन्होंने अडानी समूह को लोन दिए हैं। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कहा है कि आगे किसी भी फंडिंग अनुरोध पर "विवेकपूर्ण निर्णय" लिया जाएगा। बता दें कि एसबीआई ने अडानी समूह को सबसे ज्यादा लोन दिए हैं।
क्या कहा बैंकों ने: न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई समेत अन्य बैंकों ने कहा है कि वे रिपोर्ट के बाद सतर्क हैं लेकिन कर्ज को लेकर कुछ भी चिंताजनक नहीं है। एसबीआई के टॉप अधिकारी ने कहा कि अडानी समूह को जो कर्ज दिया गया है, वो आरबीआई की लिमिट के भीतर ही है। सभी जरूरी नियमों का पालन किया गया है।
बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने बताया-अडानी समूह ने हाल के दिनों में एसबीआई से कोई फंडिंग नहीं जुटाई है और बैंक निकट भविष्य में उनके किसी भी फंडिंग अनुरोध पर "विवेकपूर्ण निर्णय" लेगा। बैंक के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एसबीआई ने स्पष्टीकरण के लिए कंपनी से संपर्क किया है, यह मामला गोपनीय है। अधिकारी ने कहा कि इसके बाद ही बोर्ड, समूह में बैंक के कर्ज पर कोई फैसला करेगा।
बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले महीने तक लोन पर अडानी समूह का ब्याज भुगतान बरकरार है। बैंक के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समूह के लिए अपने जोखिम से कोई तनाव नहीं देख रहा है।