एक एंबुलेंस ड्राइवर, जिसकी रिपोर्ट से अडानी ग्रुप के शेयरों में आया तूफान!
आपको बता दें कि Hindenburg के फांउडर नाथन एंडरसन हैं। इन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डिग्री के साथ कनेक्टिकट विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है।
बीते बुधवार को गौतम अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों के स्टॉक्स बुरी तरह धराशायी हो गए। इस वजह से निवेशकों को तगड़ा नुकसान भी हुआ। अडानी ग्रुप के स्टॉक्स में ये तूफान Hindenburg रिसर्च की रिपोर्ट के बाद आया। Hindenburg रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। हालांकि, बाद में समूह की ओर से इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज भी कर दिया गया। लेकिन सवाल है कि आखिर Hindenburg रिसर्च क्या है? इसके पीछे कौन है?
Hindenburg रिसर्च क्या है: यह एक फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है। साल 2017 में नाथन एंडरसन ने Hindenburg रिसर्च की स्थापना की। यह फर्म इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है। Hindenburg रिसर्च की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक यह "मानव निर्मित आपदाओं" की तलाश करता है। मतलब ये कि यह फर्म अनियमितताएं, कुप्रबंधन और अन्य गड़बड़ियों को ढूंढता है। कंपनी अपनी खुद की पूंजी का निवेश करती है।
कैसे पड़ा नाम: इसका नाम 1937 में Hindenburg एयरशिप की त्रासदी के नाम पर रखा गया था। बता दें कि 1937 में लगभग सौ लोगों को लेकर जा रहा हिंडनबर्ग एयलाइंस का एक विमान अमेरिका के न्यू जर्सी में मैनचेस्टर कस्बे में हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी।
एंबुलेंस ड्राइवर रह चुके हैं फाउंडर: Hindenburg के फांउडर नाथन एंडरसन हैं। इन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डिग्री के साथ कनेक्टिकट विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। एंडरसन ने डेटा कंपनी फैक्टसेट रिसर्च सिस्टम्स इंक से करियर की शुरुआत की है। यहां वह निवेश प्रबंधन कंपनियों के साथ काम कर रहे थे। नाथन एंडरसन ने इजराइल में एक एंबुलेंस ड्राइवर के तौर पर भी काम किया है।
रिपोर्ट में अडानी समूह पर आरोप:आपको बता दें कि रिसर्च रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेयरों में गड़बड़ी और धोखाधड़ी जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, समूह ने इस आरोप को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया। उसने कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि उसकी शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के गलत इरादे से किया गया है।
यह रिपोर्ट अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ के आवेदन के लिए खुलने से ठीक पहले आई है। कंपनी का एफपीओ 27 जनवरी को खुलकर 31 जनवरी को बंद होगा।
(Nathan Anderson Photo Credit-Financial Times)
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