निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, अगले साल 3.5% राजकोषीय घाटे का अनुमान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में उद्योग के प्रतिनिधियों संबोधित करते हुए कहा कि एस्केप क्लॉज को लागू करने के बावजूद, इस वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.8% निर्धारित किया गया है और इसे...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में उद्योग के प्रतिनिधियों संबोधित करते हुए कहा कि एस्केप क्लॉज को लागू करने के बावजूद, इस वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.8% निर्धारित किया गया है और इसे अगले साल इसे 3.5% पर लाने के लिए कई उपाय किए हैं। बता दें जब सरकार कुल कमाई से अधिक खर्च होने पर कुछ समय के लिए कर्ज लेती है और बाजार से सरकार की कुल कमाई और खर्च के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। यानी सरकार की कुल आय और व्यय में अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।
Finance Minister Nirmala Sitharaman while interacting with industry representatives in Mumbai: In spite of invoking the escape clause, the fiscal deficit target has been set at 3.8% for this year, and we have committed to a clear discipline of bringing it down to 3.5% next year. pic.twitter.com/BUrnqoV4uM
— ANI (@ANI) February 7, 2020
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा पिछले सप्ताह लोकसभा में पेश बजट में प्रोत्साहन के सुविचारित एवं बुद्धिमतापूर्ण उपाय किए गए हैं। देश की आर्थिक राजधानी में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में पूर्व में वृद्धि दर में सुस्ती के सभी अनुभवों को शामिल किया गया है। उन सभी मामलों में सरकार को प्रोत्साहन देने की जरूरत पड़ी थी। वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण और कृषि क्षेत्र का 16 सूत्रीय एजेंडे के जरिये ध्यान रखा गया है। स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन दिया गया है। साथ ही बुनियादी ढांचा निवेश पर भी ध्यान दिया गया है।
कई क्षेत्रों ने बजट को लेकर जताई है निराशा
यहां उल्लेखनीय है कि कई क्षेत्रों ने बजट को लेकर निराशा जताई है। उनका कहना है कि ऐसे समय जबकि वृद्धि दर दशक के निचले स्तर पर आ गई है, वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए कुछ बड़ी घोषणाओं की उम्मीद थी। सीतारमण ने परिचर्चा में कहा कि पिछले अनुभवों के आधार पर हमने अनिवार्य रूप से यह सुनिश्चित किया कि सोच विचार कर प्रोत्साहन दिया जाए।
उन्होंने कहा, ''हमने वृहद आर्थिक बुनियाद को ध्यान में रखा और यह सुनिश्चित किया कि उपभोग बढ़ाने तथा साथ में निवेश सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन, जो आज के समय की जरूरत हैं, उपलब्ध कराए जाएं। इस मौके पर वित्त मंत्री के साथ उनके मंत्रालय के सभी सचिव भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, ''पूर्व में किए गए प्रोत्साहन की तुलना में हमने काफी सोच समझकर केंद्रित और स्पष्ट तरीके से बजट में उपाय किए हैं। इसके पीछे स्पष्ट मंशा पूंजीगत संपत्तियां बनाने के लिए जिम्मेदारी से व्यय करने की है।
राजकोषीय घाटे को लेकर एसबीआई रिसर्च की ये है रिपाेर्ट
वहीं कुछ दिन पहले भारतीय स्टेट बैंक रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि इस लक्ष्य को पाना सरकार के लिए आसान नहीं नजर आ रहा है। यह लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के आखिरी दो महीनों में विनिवेश से करीब 65,000 करोड़ रुपये मिलने और कर संग्रह से राजस्व प्राप्ति में 18 फीसदी की वृद्धि के अनुमान पर आधारित है। चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का 3.8 फीसदी का संशोधित लक्ष्य भी महत्वाकांक्षी है।
गौरतलब है कि दिसंबर तक कर संग्रह से राजस्व प्राप्ति में महज 5.1 फीसदी की वृद्धि रही है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में विनिवेश से सिर्फ 17,800 करोड़ ही मिल सके हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर जीडीपी के 3.8 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया। पहले के अनुमान में राजकोषीय घाटा 3.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था।
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