Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Finance Ministry said MSME disbursed more than one lakh crore rupees

वित्त मंत्रालय- MSME को एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बांटा

वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंकों ने कोविड-19 के कारण आर्थिक नरमी से प्रभावित सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस)...

Sheetal Tanwar एजेंसी, नई दिल्लीFri, 21 Aug 2020 11:14 AM
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वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंकों ने कोविड-19 के कारण आर्थिक नरमी से प्रभावित सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक कर्ज का वितरित किया है। मंत्रालय के बयान के अनुसार 100 प्रतिशत ईसीएलजीएस के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों ने 18 अगस्त, 2020 तक 1.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के ऋण स्वीकृत किए हैं। इनमें से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए जा चुके हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईसीएलजीएस की घोषणा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में की थी। इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर एमएसएमई को ऋण प्रदान करके कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से उत्पन्न संकट को कम करना है। मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों, निजी क्षेत्रों के 24 बैंकों और 31 गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने कर्ज वितरित किए। बयान के अनुसार योजना के तहत 1,50,759.45 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हें जिसमें 1,02,245.77 करोड़ रुपये 18 अगस्त तक वितरित किये जा चुके हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 76,044.44 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए हैं, जिनमें से 56,483.41 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए जा चुके हैं। इसी तरह निजी क्षेत्र के बैंकों ने 74,715.02 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 45,762.36 करोड़ रुपये के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।

सबसे ज्यादा कर्ज महाराष्ट्र के उद्यमों को मिला

महाराष्ट्र की इकाइयों को 7,756 करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किए गए जिसमें से 18 अगस्त तक 6,007 करोड़ रुपये वितरित किएजा चुके हैं। इसके बाद तमिलनाडू का नंबर रहा। यहां 7,740 करोड़ के कर्ज मंजूर किए गए और 5,693 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।  इस योजना के तहत एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमों को 9.25 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर गारंटी मुक्त कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 20 मई को इस योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत शीर्ष ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक हैं।

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