Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Finance Minister will hold meeting with bank heads will discuss debt restructuring

वित्त मंत्री करेंगी बैंक प्रमुखों के साथ बैठक, कर्ज पुनर्गठन पर होगी चर्चा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तीन सितंबर को बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक करेंगी। उनकी यह बैठक कोविड-19 से जुड़े वित्तीय दबाव के समाधान के लिए एक...

Sheetal Tanwar एजेंसी, नई दिल्लीMon, 31 Aug 2020 09:08 AM
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तीन सितंबर को बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक करेंगी। उनकी यह बैठक कोविड-19 से जुड़े वित्तीय दबाव के समाधान के लिए एक बारगी कर्ज पुनर्गठन योजना के क्रियान्वयन से पहले हो रही है। उनकी इस बैठक का मकसद योजना का सुचारू और तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, समीक्षा के दौरान इस बात पर गौर किया जाएगा कि आखिरकार किस तरह से कारोबारियों और लोगों को व्यवहार्यता के आधार पर पुनरुद्धार संबंधी व्यवस्था का सही ढंग से उपयोग करने में सक्षम बनाया जाए। समीक्षा के दौरान विभिन्न आवश्यक कदमों जैसे कि बैंक नीतियों को अंतिम रूप देने और कर्जदारों की पहचान करने के साथ-साथ उन मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी जिन्हें सुचारू एवं शीघ्र कार्यान्वयन के लिए सुलझाना अत्यंत आवश्यक है। इसमें कहा गया है कि वित्त मंत्री गुरुवार को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और एनबीएफसी के शीर्ष प्रबंधन के साथ बैंक ऋणों में कोविड-19 संबंधी दबाव को लेकर समाधान व्यवस्था के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि वह कंपनियों और खुदरा कर्ज ले रखे लोगों को राहत देने के लिए एक बारगी पुनर्गठन की मंजूरी देगा। बैंक आरबीआई की रूपरेखा और पात्रता के अनुरूप निदेशक मंडल से पुनर्गठन रूपरेखा की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है। आरबीआई ने छह अगस्त को अधिसूचना जारी कर इस बारे में रूपरेखा और पात्रता मानदंड दिया था।

पुनर्गठन लाभ वह कर्जदार ले सकते हैं जिनके ऋण की किस्त एक मार्च तक रही थी और चूक 30 दिन से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके अलावा रिजर्व बैंक द्वारा गठित के.वी कामत समिति इस बारे में वित्तीय मानदंडों पर काम कर रही है।  समिति की सिफारिशों को उसके गठन के 30 दिनों के भीतर अधिसूचित किया जाना है। इसका मतलब है कि अधिसूचना छह सितंबर तक जानी चाहिए।

 

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