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एफडी स्वीप-इन और एफडी ओवरड्राफ्ट तत्काल पैसे की जरूरत पूरा करने में मददगार, ब्याज का भी नहीं होता नुकसान

सावधि जमा यानी एफडी को लेकर निवेशकों के बीच परंपरागत आकर्षण रहा है। हाल के कुछ वर्षों में बैंकों ने इसे ज्यादा सुविधाजनक और फायदेमंद बनाने की कोशिश की है। अब बैंक बचत खाता में जमा राशि के बदले भी...

Drigraj Madheshia नई दिल्ली। हिन्दुस्तान ब्यूरो, Wed, 18 Aug 2021 10:04 AM
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सावधि जमा यानी एफडी को लेकर निवेशकों के बीच परंपरागत आकर्षण रहा है। हाल के कुछ वर्षों में बैंकों ने इसे ज्यादा सुविधाजनक और फायदेमंद बनाने की कोशिश की है। अब बैंक बचत खाता में जमा राशि के बदले भी एफडी की सुविधा (एफडी स्वीप-इन) देने लगे हैं। वहीं एफडी पर ओवरड्राफ्ट मिल रहा है। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि निवेश तभी कारगर होता है जब वह मुश्किल वक्त में आपके काम आए। इस पैमाने पर एफडी स्वीप-इन और एफडी ओवरड्राफ्ट बेहतर विकल्प हैं।

क्या है एफडी स्वीप इन

बचत खाता में जमा राशि जब एक तय सीमा से अधिक हो जाती है तो बैंक उसपर एफडी स्वीप इन का विकल्प देते हैं। सीमा तय करने का अधिकार ग्राहक का होता है। यदि आपके बचत खाता में ज्यादातर समय एक लाख रुपये पड़े रहते हैं तो बैंक से 25 हजार रुपये से अधिक राशि को एफडी स्वीप इन में बदलने को कह सकते हैं। इसपर बचत खाता से ज्यादा ब्याज मिलता है। इस सुविधा के बाद भी आपको एटीएम से बैंक शाखा से 25 हजार रुपये से अधिक राशि निकालने में परेशानी नहीं होती है। साथ ही किसी को 25 हजार रुपये से अधिक का चेक दिया है तो उसे भुनाने में भी परेशानी नहीं होती है।

क्या है एफडी ओवरड्राफ्ट

बैंक एफडी के बदले ओवरड्राफ्ट की सुविधा देते हैं। ज्यादातर मामलों में एफडी की राशि का 80 फीसदी तक बैंक एफडी ओवरड्राफ्ट देते हैं। बैंक इसपर एक से दो फीसदी ब्याज वसूलते हैं। यदि आपको एफडी पर छह फीसदी ब्याज मिल रहा है तो बैंक ओवरड्राफ्ट पर सात या आठ फीसदी ब्याज वसूलते हैं। ओवरड्राफ्ट सुविधा लेने से आपको एफडी तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती है।

क्यों बेहतर है एफडी ओवरड्राफ्ट

एफडी ओवरड्राफ्ट पर बैंक हर दिन के हिसाब से ब्याज लेते हैं। यदि आपका काम 15 दिन में हो गया तो बैंक आपसे केवल 15 दिन का ही ब्याज लेगा। जबकि कर्ज के अन्य विकल्पों में प्रति माह या तिमाही आधार पर ब्याज वसूलते हैं। इसके अलावा ओवरड्रॉफ्ट पर कोई पूर्व भुगतान शुल्क भी नहीं लगता है।

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