शीर्ष 10 देशों में भारतीय शेयर बाजार की सबसे तेज चाल, जानें रिटर्न के मामले में किन स्टॉक मार्केट को पछाड़ा
भारतीय शेयर बाजार ने रिटर्न देने के मामले में दुनिया के शीर्ष 10 देशों के मार्केट को पीछे छोड़ दिया है। कोरोना संकट से धरासायी बाजार ने बीते 11 महीने में तेजी का रिकॉर्ड कायम किया है। इसकी बदौलत चालू...
भारतीय शेयर बाजार ने रिटर्न देने के मामले में दुनिया के शीर्ष 10 देशों के मार्केट को पीछे छोड़ दिया है। कोरोना संकट से धरासायी बाजार ने बीते 11 महीने में तेजी का रिकॉर्ड कायम किया है। इसकी बदौलत चालू वित्त वर्ष में भारतीय शेयर बाजार का मूल्यांकन 88 फीसदी (डॉलर में) बढ़ गया है। यह दुनिया के विकसित देशों में शामिल अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन आदि से सबसे अधिक है। यह वित्त वर्ष 2011 के बाद बाजार की सबसे तेज चाल है।
पिछले वित्त वर्ष में 31 फीसदी घटा था पूंजीकरण
पिछले वित्त वर्ष में कोरोना और उसको रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन से भारतीय शेयर बाजार का मूल्यांकन 31 फीसदी कम हो गया था। इसके चलते निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। बीएसई सेंसेक्स टूटकर 26 हजार से नीचे आ गया था।
पूंजीकरण के लिहाज से आठवें स्थान पर
चालू वित्त वर्ष में भारतीय शेयर बाजार के पूंजीकरण में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई लेकिन कुल पूंजीकरण के मुकाबले में भारतीय बाजार अभी भी आठवें स्थान पर है। भारतीय बाजार का कुल पूंजीकरण करीब 2.8 खरब डॉलर है जबकि अमेरिकी बाजार का 45.83 अरब डॉलर, चीन के बाजार का 10.57 अरब डॉलर है। इन दोनों देशों के बाजार का पूंजीकरण क्रमश: 67% और 52% फीसदी बढ़ा है।
सउदी अरब सबसे पीछे
- शीर्ष 10 देशों के पूंजीकरण में वृद्धि के लिहाज से सउदी अरब का बाजार सबसे पीछे रहा है। चालू वित्त वर्ष में 28% वृद्धि के बावजूद सउदी के बाजार का पूंजीरकण 2.53 खरब डॉलर पहुंचा। वहीं, कनाडा के बाजार का पूंजीकरण 78 फीसदी बढ़कर 2.89 खरब डॉलर पहुंच गया।
- 78 फीसदी का उछाल बीएसई सेंसेक्स में आया चालू वित्त वर्ष में
- 50 फीसदी का उछाल अमेरिकी डॉउ जोन्स में आया इस दौरान
- 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई शंघाई कम्पोजिट (चीन) में अप्रैल, 2020 से लेकर अब तक
- 22% बढ़ गया हांगकांग का हैंग सेंग पिछले साल अप्रैल से लेकर अब तक
वैश्विक बाजार में भारत का योगदान बढ़ा
पिछले अप्रैल से मजबूत प्रदर्शन ने वैश्विक बाजार पूंजीकरण में भारत के योगदान को में 2.1% से बढ़ाकर 2.58% कर दिया है। यह अपने ऐतिहासिक औसत 2.4% से थोड़ा अधिक है। इस वित्त वर्ष में, बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक क्रमशः 93% और 120% उछले हैं। वर्तमान में, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक भारत के कुल मार्केट कैप में क्रमशः 14.8% और 15.2% का योगदान देते हैं, जो जनवरी में 14.4% और 14.5% था।
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