वर्ष 2020 ने इंसान का कड़ा इम्तहान लिया। वैक्सीन अपने साथ कई उम्मीदें लेकर आई है, मगर ये दुनिया बदल चुकी है। मजबूरियों में अपनाई और नकारी गई चीजें हमारे सामान्य जीवन का हिस्सा बन गई हैं। कोविड के दूरगामी प्रभावों के चलते जीवन के हर स्तर पर अभी कई परिवर्तन देखने को मिलेंगे। मिलवाते हैं आपको वर्ष 2021 के 7 न्यू नॉर्मल से
नौकरी में 3-2-2
कोविड की वजह से वर्क फ्रॉम होम आईटी कंपनियों की डिक्शनरी से निकल कर न्यू नॉर्मल की श्रेणी में आ गया, मगर मौजूदा वर्क फ्रॉम होम 5 दिन वाला है। इस साल 3-2-2 का विचार जोर पकड़ेगा यानी तीन दिन ऑफस, दो दिन वर्क फ्रॉम होम और दो दिन छुट्टी। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में प्रस्तुत एक सर्वे के मुताबिक, 98 फीसदी लोग पूरी तरह से घर से काम करने के विकल्प को चुनने को तैयार हैं।
स्वरोजगार पकड़ेगा रफ्तार
लॉकडाउन के चलते पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर नौकरियां गईं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार, देश में लगभग 1.89 करोड़ लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। नौकरी जाने और नौकरी जाने के भय ने लोगों को स्वरोजगार का रास्ता भी दिखाया। यही वजह रही कि भारत में स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत करीब 1 लाख लोन मंजूर किए गए हैं। बीते वित्तीय वर्ष की अपेक्षा यह 8 फीसदी है। यह ट्रेंड इस साल और आगे बढ़ेगा।
सुरक्षित का टैग बिकेगा
वर्ष 2020 की शुरुआत तक सबसे ज्यादा बिकाऊ शब्द था - तेज.. मगर कोरोना ने इसे बदल दिया। इस साल सबसे ज्यादा बिकाऊ शब्द होगा- सुरक्षित। हर वो तकनीक लोगों का ध्यान खिंचेगी जो उन्हें बीमारियों या वायरस से सुरक्षा का वादा देगी। हर वो प्रोडक्ट लोगों का ध्यान खींचेगा जो स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित होने का दावा करेगा। खानपान, तकनीक, ट्रैवल, एविएशन, हॉस्पिटेलिटी सबमें यही शब्द हावी होगा। उदाहरण के लिए एप्पल की नई घड़ी शरीर में ऑक्सीजन का लेवल, दिल की धड़कन और ईसीजी तक दिखाती है।
वयस्क होगी वर्चुअल दुनिया
वर्ष 2020 वो साल है जब हममें से कई लोगों ने मजबूरन वर्चुअल दुनिया में पैर रखे, मगर 2021 इसे न्यू नॉर्मल बनाने जा रहा है। सामाजिक दूरी की कमी अब वर्चुअल दुनिया में सामाजिक मिलन पूरा करेगा। इस दुनिया में असल दुनिया जैसा आभास पैदा करने के लिए तकनीकों की बाढ़ आ रही है। एप्पल कंपनी जल्द ही अपना एआर यानी ऑगमेंटेड रिएलिटी चश्मा उतारने रही है। ऐसे अविषकारों की बदौलत यह दुनिया अब वयस्क होने जा रही है।
इनकार न करने वाले ऑफर
कोविड के झटके से उबरने के लिए कंपनियां ग्राहकों को एक से एक बेहतरीन ओर नए किस्म के ऑफर देंगी। ट्रैवल सब्सक्रिप्शन इसका ताजा उदाहरण है। ट्रैवल सब्सक्रिप्शन ठीक वैसे है जैसे आप नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन लेते हैं। अमेरिका की कॉस्टको कंपनी ने व्हील्सअप कंपनी के साथ मिलकर इस तरह की योजना शुरू की है जिसमें ग्राहक को प्राइवेट जेट की सुविधा मिलेगी। कुछ इसी तरह की योजना ट्रिव एडवाजर कंपनी ला रही है। बचे रहने की जद्दोजहद के बीच अविश्वसनीय ऑफर इस साल के न्यू नॉर्मल होंगे।
गठबंधनों का दौर
यह साल पारस्परिक सहयोग, समझौतों और गठबंधन का रहने वाला है। वैक्सीन के निर्माण के लिए हुए समझौते इसका प्रमाण हैं। कोविड ने दुनिया, देशों, कंपनियों को एक दूसरे के साथ काम करने के तौर तरीके सिखाए। अब ये तौर तरीके ही कई बड़ी समस्याओं से बाहर निकालेंगे। लॉकडाउन के चलते कई सेक्टरों को बड़े पैमाने पर आर्थिक चोट पहुंची है। बाजार के जानकारों का कहना है कि बिजनेस के बचे रहने का रास्ता गठबंधनों से निकलेगा। इसका अर्थ विलय नहीं, बल्कि एक दूसरे के संसाधनों का इस्तेमाल करना है।
आधे की आदत
बीते साल ने हमें आधे-पौने पर जीने को मजबूर किया। ये वर्ष हमें इसकी आदत डाल देगा। घूमने की आधी आजादी, ऑफिस में आधे लोग, सफर में आधी सीट खाली। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना की वैक्सीन आने के बावजूद पाबंदियां पूरी तरह से नहीं हटेंगी। डब्लूएचओ की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, कोविड जैसी कई और जूनोटिक बीमारियां (जानवरों से इंसानों को होने वाली) इंसानी आबादी में अपना रास्ता बना रही हैं। ऐसे में हमारे बचे रहने के लिए हमें कम शब्द को अपनाना ही होगा।