झटका: पीएफ पर ब्याज दरों में कटौती करने की तैयारी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के करोड़ों भविष्य निधि खाताधारकों को आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कटौती किए जाने का झटका लग सकता है। सभी लघु बचत योजनाओं में ब्याज दरें कम होने के मद्देनजर...
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के करोड़ों भविष्य निधि खाताधारकों को आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कटौती किए जाने का झटका लग सकता है। सभी लघु बचत योजनाओं में ब्याज दरें कम होने के मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए दरें घटाने को कहा है।
ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) 23 नवंबर को बैठक कर दरें कम करने पर फैसला लेगा। माना जा रहा है कि सीबीटी स्थितियों के मद्देनजर दरों में दशमलव 15 प्रतिशत की कटौती करेगा। मौजूदा समय में 8.65 फीसदी की दर से खाताधारकों को पीएफ पर ब्याज मिलता है। यह दर पिछले साल तय की गई थी। सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक, दरों के घटने के बावजूद पीएफ खाताधारकों के फायदे में कोई कमी नहीं आएगी। अब अंशदान को इक्विटी में निवेश किए जाने के बाद पहली बार खाताधारकों को इकाइयों (यूनिट) का आवंटन किया जा सकता है। इसको मिलाने से ब्याज दर में कमी किए जाने के बावजूद खाताधारकों को पिछले साल की ब्याज दर के बराबर या उससे ज्यादा का फायदा मिल सकता है। अधिकारी के मुताबिक, आगामी 23 नवंबर की बैठक में सीबीटी निवेश किए गए हिस्से के ईपीएफओ यूनिटाइजेशन नीति को मंजूरी भी दे सकता है। इससे ईपीएफओ के निवेश का एक बड़ा हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों में जाता है। इसके चलते बीते कुछ समय से ईपीएफओ को बेहतर प्राप्ति नहीं हुई और ब्याज दरों में कटौती किए जाने की एक वजह यह भी है।
ईपीएफओ अधिकारियों का कहना है कि बॉन्ड्स और सावधि जमा जैसी बाजार प्रणाली से अच्छे परिणाम नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में ब्याज को पुरानी दर पर रखना मुश्किल है, जबकि अन्य लघु बचत योजनाओं में अधिकतम ब्याज दरें काफी कम हैं। यही नहीं बचत खातों पर सालाना ब्जाय दर 4 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है। पांच साल के सावधि जमा पर 7.80 और रिकरिंग जमा पर 7.29 है, जिन पर प्रत्येक तिमाही पुनर्विचार किया जाता है। पांच साल की एनएससी पर सालाना 7.80 और केंद्रीय विकास पत्र पर सालाना 7.50 की ब्याज दर है। पीपीएफ पर सालाना ब्याज दर 7.80 और सर्वाधिक दर सुकन्या समृद्धि खाता सालाना 8.30 व बुजुर्ग बचत तिमाही 8.30 है। इन तमाम वजहों के मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने पीएफ में ब्याज दरों को अगले साल के लिए घटाने को कहा, जिस पर सीबीटी जल्द निर्णय करेगा।
गौरतलब है कि ईपीएफओ के अंशधारक 4.5 करोड़ से भी ज्यादा हैं। अब अंशधारकों के लिए हालांकि पीएफ निकालना बहुत आसान हो गया है। कोई भी अंशधारक उमंग एप को डाउनलोड कर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दावा कर सकता है। साथ ही पासबुक समेत अन्य सुविधाएं ले सकता है।
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