झटका: बैंकों के कर्ज दर में बढ़ोत्तरी से ईएमआई का बढ़ेगा बोझ
एसबीआई, आईसीआईसीआई और पीएनबी बैंक ने गुरुवार को कर्ज दरें बढ़ाकर ग्राहकों को झटका दिया। इससे होम लोन, ऑटो लोन की ईएमआई का बोझ बढ़ेगा। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने एफडी की ब्याज दरें बढ़ाकर तोहफा...
एसबीआई, आईसीआईसीआई और पीएनबी बैंक ने गुरुवार को कर्ज दरें बढ़ाकर ग्राहकों को झटका दिया। इससे होम लोन, ऑटो लोन की ईएमआई का बोझ बढ़ेगा। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने एफडी की ब्याज दरें बढ़ाकर तोहफा देने के एक दिन बाद ही उधारी दर 0.20 फीसदी बढ़ाई है।ये नई दरें एक मार्च से प्रभावी हो गई हैं। बैंक ने एक साल की मार्जिनल कास्ट लें¨डग रेट (एमसीएलआर) को 7.95} से बढ़ाकर 8.15} कर दिया है।
यह पहली बार है जब एमसीएलआर की नई व्यवस्था अप्रैल 2016 से लागू होने के बाद किसी बैंक ने कर्ज की दरें बढ़ाई हैं। दरअसल, अप्रैल 2016 के बाद के सभी नए कर्ज को एमसीएलआर व्यवस्था से जोड़ा गया है। ज्यादातर बैंक छोटे ग्राहकों को एक साल की उधारी दर पर ही कर्ज देते हैं। इससे संपत्ति की गारंटी पर लिए गए सभी खुदरा ऋण यानी आवास ऋण, शिक्षा ऋण, वाहन ऋण और पर्सनल लोन पर सीधा असर पड़ेगा। एसबीआई ने एक रात से तीन साल तक के एमसीएलआर दरों को बढ़ाया है। एसबीआई के ज्यादातर पर्सनल लोन दो साल की उधारी दर के तहत आते हैं। एमसीएलआर वह न्यूनतम दर होती है, जिस पर कोई बैंक किसी को कर्ज दे सकता है।
पीएनबी बैंकिंग घोटाले के बाद वित्तीय स्थिति सुधारने के तहत बैंकों ने यह कदम उठाया है। अन्य बैंक भी जल्द ही एफडी और उधारी दर बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं। यह फैसला ऐसे वक्त हुआ है, जब आरबीआई ने अगस्त के बाद से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
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