अमीर लोगों के लिए आठ एयरबैग, सस्ती कारों में केवल दो या तीन क्यों?
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि छोटी कारों में भी सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में एयरबैग होने चाहिए। आमतौर पर छोटी कारों की खरीद कम आय वर्ग वाले मध्यवर्गीय...
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि छोटी कारों में भी सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में एयरबैग होने चाहिए। आमतौर पर छोटी कारों की खरीद कम आय वर्ग वाले मध्यवर्गीय लोगों द्वारा की जाती है।
गडकरी ने सवाल किया कि वाहन कंपनियां सिर्फ अमीर लोगों द्वारा खरीदी जाने वाली बड़ी कारों में ही आठ एयरबैग क्यों उपलब्ध कराती हैं। गडकरी ने कहा कि छोटी सस्ती कारों में अधिक एयरबैग की अपील वह सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर रहे हैं। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जबकि वाहन उद्योग ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि ऊंचे कराधान तथा सख्त सुरक्षा और उत्सर्जन नियमों की वजह से उनके उत्पाद महंगे हो गए हैं। उन्होंने कहा, छोटी कारों की खरीद निम्न मध्यम आय वर्ग के लोगों द्वारा की जाती है। यदि उनकी कारों में एयरबैग नहीं होगा, तो दुर्घटना की स्थिति में उनकी जान जा सकती है। ऐसे में मैं सभी कार विनिर्माताओं से अपील करूंगा कि वे अपने वाहनों के सभी संस्करणों में कम से कम छह एयरबैग उपलब्ध कराएं।
ऐसे काम करता है एयरबैग
जब कार किसी चीज से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होता है तब टकराने की स्पीड के अनुसार ही कार का एयरबैग खुलता है। किसी चीज से टकराने पर कार का एक्सिलेरोमीटर सर्किट सक्रीय हो जाता है और सर्किट एक इलेक्ट्रिकल करेंट भेजता है जिससे आगे लगा सेंसर एयरबैग को सिगनल देता है और एक सेकंड से भी कम समय (लगभग 1/20 सेकंड) में लगभग 320 किमी/घंटा की रफ्तार से बंद एयरबैग फूलता है।
कहां लगे होते हैं एयरबैग
एयरबैग कॉटन के होते हैं और इन पर सिलिकॉन की कोटिंग होती है। ये कार के स्टियरिंग व्हील, गेट, डैशबोर्ड, रूफ समेत अलग-अलग जगहों पर लगे होते हैं। एयरबैग के फंक्शन से कार में लगी सीट बेल्ट का भी संबंध है। दुर्घटना के समय एयरबैग खुलने के लिए सीट बेल्ट लगा होना जरूरी है।
लागत तीन से चार हजार बढ़ जाएगी
उन्होंने इस बात को स्वीकार किया अतिरिक्त एयरबैग से छोटी कारों की लागत कम से कम 3,000 से 4,000 रुपये बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा, हमारे देश में गरीबों को भी पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए। बेबाकी से अपनी राय रखने वाले गडकरी ने कहा, अमीर लोगों के लिए आप आठ एयरबैग देते हैं। सस्ती कारों के लिए आप सिर्फ दो-तीन एयरबैग की पेशकश करते हैं। ऐसा क्यों?
1,000 से 1,500 करोड़ का टोल देगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परिचालन में आने के बाद केंद्र को हर महीने 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये का पथकर (टोल) राजस्व देगा। इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेसवे के 2023 में परिचालन में आने की उम्मीद है। गडकरी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सोने की खान करार दिया। गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा के लिए हाल में एक लंबी यात्रा पूरी की है। उन्होंने रविवार को यहां कहा कि अगले पांच साल में एनएचएआई की सालाना टोल आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। अभी यह 40,000 करोड़ रुपये के स्तर पर है।
आठ लेन का एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे आठ लेन का है और यह दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात से होकर जाएगा। इससे राष्ट्रीय राजधानी से देश की वित्तीय राजधानी के बीच यात्रा का समय मौजूदा के 24 घंटे से घटकर आधा यानी 12 घंटे रह जाएगा। इन चिंताओं के बीच कि एनएचएआई के ऊपर काफी ऊंचा कर्ज का बोझ है, गडकरी ने कहा कि नोडल एजेंसी को 'ट्रिपल ए' की रेटिंग मिली और उसकी सभी सड़क परियोजनाएं उत्पादक हैं। हाल में मंत्री ने राज्यसभा को बताया था कि एनएचएआई का कुल कर्ज इस साल मार्च के अंत तक बढ़कर 3,06,704 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। यह मार्च, 2017 के अंत तक 74,742 करोड़ रुपये था।
जानें Hindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।