कंपनियों की मंजूरी के बिना प्रोडक्ट को ऑनलाइन बेचने पर रोक
अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों को सीधे सामान बेचने वाली एमवे, मोदीकेयर और ओरिफ्लेम जैसी कंपनियों के सौंदर्य एवं स्वास्थ्य उत्पादों को उनके मंजूरी के बगैर नहीं बेच सकेंगी।...
अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों को सीधे सामान बेचने वाली एमवे, मोदीकेयर और ओरिफ्लेम जैसी कंपनियों के सौंदर्य एवं स्वास्थ्य उत्पादों को उनके मंजूरी के बगैर नहीं बेच सकेंगी। हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने यह अंतरिम आदेश सीधे ग्राहकों को अपना उत्पाद बेचने वाली कंपनियों की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। कंपनियों ने आरोप लगाया है कि उनके ब्रांडों के उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सस्ती दरों पर पेश किया जा रहा है और इससे उनको नुकसान हो रहा है। इन कंपनियों को आशंका है कि उनके उत्पाद के साथ छेड़छाड़ भी की जा सकती है।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान स्थानीय आयुक्तों की ओर से पेश रिपोर्ट के अनुसार उत्पादों की शर्तों में बदलाव किया गया था। अधिकारियों ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों के गोदामों का निरीक्षण किया था, जिनमें 1 एमजी और हेल्थकार्ट भी शामिल थे। रिपोर्ट में नाम, कोड और आंतरिक मुहरों के साथ भी छेड़छाड़ की गई थी और एक्सपायरी उत्पादों पर नई विनिर्माण तिथियां छापी गई थी।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों पर अनुबंध की शुचिता को बनाए रखने का दायित्व है और उन्हें इसके उल्लंघन को प्रोत्साहित या प्रेरित नहीं करना चाहिए।’ हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जिस तरह से एमवे, मोदीकेयर और ओरिफ्लेम्स के लोगो, कंपनी का नाम और उत्पाद की तस्वीरों का उपयोग किया जा रहा था वह स्पष्ट रूप से उपभोक्ताओं को भ्रमित करता है। इसमें विक्रेताओं का नाम पूरी तरह से नहीं दिया गया था।
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