डीएपी और एनपीके खाद के दाम होंगे कम या और बढ़ेंगे? जानें क्या कह रही है मोदी सरकार
केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि फास्फेट एवं पोटाश उर्वरकों के कच्चे माल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों के प्रभावों को कम करने के लिए वह सब्सिडी के बारे में विचार कर रही है। उसके इस कदम के पीछे देश भर...
केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि फास्फेट एवं पोटाश उर्वरकों के कच्चे माल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों के प्रभावों को कम करने के लिए वह सब्सिडी के बारे में विचार कर रही है। उसके इस कदम के पीछे देश भर में किसानों को रियायती दरों पर उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का उद्देश्य है। उर्वरक मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के संकट के समय में सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। बता दें 10 दिन पहले तक 1200 रुपए में मिलने वाली 50 किलो डीएपी की बोरी अब 1900 रुपए की हो गई है। इसी तरह एनपीके (12.32.16) और एनपीके (10.26.26) की बात करें तो यह पहले करीब 1075 रुपए प्रति बोरी थी, जो अब क्रमश: 1800 और 1775 रुपए पहुंच गई है।
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यूरिया के विपरीत फास्फेट एवं पोटाश उर्वरकों उत्पादों की कीमतें विनयिमित हैं। विनिर्माता इनकी कीमत तय करते हैं और सरकार प्रति वर्ष उन्हें निर्धारित सब्सिडी देती है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार सस्ती कीमतों पर फास्फेट एवं पोटाश (पी एंड के) उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उर्वरक कंपनियों को पोषक तत्व आधारित अनुदान दरों के अनुसार सब्सिडी जारी है, ताकि किसानों को सस्ती कीमत पर उर्वरक उपलब्ध करवा सकें।
इस वजह से महंगा हो रहा उर्वरक
उसने कहा, पिछले कुछ महीनों में डीएपी और अन्य पी एंड के उर्वरक के कच्चे माल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तैयार डीएपी आदि की कीमतें भी समान अनुपात में बढ़ी हैं। इस तेज वृद्धि के बावजूद पिछले महीने तक कंपनियों ने भारत में डीएपी की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की। हालांकि, कुछ कंपनियों ने अब डीएपी की कीमत बढ़ा दी है।'' मंत्रालय ने कहा कि सरकार को इस स्थिति की पूरी जानकारी है और इस पर सरकार में शीर्ष स्तर पर निगरानी की जा रही है। सरकार किसानों की चिंताओं को लेकर भी पूरी तरह संवेदनशील है और इस स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही कदम उठा रही है, जिससे किसान समुदाय को पीएंडके उर्वरकों की कीमत में बढ़ोतरी के असर से बचाया जा सके।
पुराने स्टॉक को पुरानी कीमतों पर ही बेचें
उसने कहा कि सरकार ने इस दिशा में कदम उठाते हुए पहले ही सभी उर्वरक कंपनियों को किसानों के लिए बाजार में इन उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। वहीं सरकार भी देश में उर्वरकों की उपलब्धता की प्रतिदिन निगरानी कर रही है। इसके अलावा उसने कहा कि डीएपी की कीमत निर्धारण को लेकर सरकार पहले ही सभी उर्वरक कंपनियों को डीएपी आदि के पुराने स्टॉक को पुरानी कीमतों पर ही बेचने के लिए कह चुकी है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार किसानों को सहायता देने और उन पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए पीएंडके उर्वरकों और डीएपी के कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी को समायोजित करने के लिए अनुदान दरों पर भी विचार कर रही है।
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