खर्च की बजाय बचत को तरजीह दे रहे ग्राहक
कोरोना संकट में उपभोक्ता बेहद संभलकर खर्च कर रहे हैं। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 13 सितंबर को समाप्त पखवाड़े में ग्राहकों की बैंकों में जमाराशि करीब 12 प्रतिशत बढ़कर 142.48 लाख करोड़ रुपये हो...
कोरोना संकट में उपभोक्ता बेहद संभलकर खर्च कर रहे हैं। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 13 सितंबर को समाप्त पखवाड़े में ग्राहकों की बैंकों में जमाराशि करीब 12 प्रतिशत बढ़कर 142.48 लाख करोड़ रुपये हो गई। जबकि बैंकों का कर्ज 5.26 प्रतिशत बढ़कर 102.24 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि में सेवा क्षेत्र और कृषि क्षेत्र के कर्ज में अपेक्षाकृत ठीकठाक वृद्धि रही है। इससे एक साल पहले, 13 सितंबर, 2019 को समाप्त पखवाड़े में बैंक ऋण 97.13 लाख करोड़ रुपये और जमा 127.22 लाख करोड़ रुपये पर था। रिजर्व बैंक के अनुसार 28 अगस्त 2020 को समाप्त पखवाड़े में बैंक कर्ज 5.49 प्रतिशत बढ़कर 102.11 करोड़ रुपये जबकि जमा 10.92 प्रतिशत बढ़कर 141.76 लाख करोड़ रुपये रही थी। रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. इस दौरान पिछले साल के मुकाबले कुल कर्ज की वृद्धि धीमी रही है
पर्सनल लोन लेने वाले घटे
व्यक्तिगत कर्ज यानी पर्सनल लोन की श्रेणी में समीक्षाधीन अवधि में 11.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसमें वाहन क्षेत्र के लिए कर्ज आलोच्य महीने में 8.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
गैर-कृषि ऋण वृद्धि सुस्त पड़ी
रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े के अनुसार सालाना आधार पर जुलाई 2020 में गैर-खाद्य ऋण 6.7 प्रतिशत बढ़ा जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उद्योग को दिए जाने वाले कर्ज में वृद्धि आलोच्य अवधि में धीमी पड़कर 0.8 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई 2019 में इसमें 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
सेवा क्षेत्र कर्ज लेने में आगे
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों को दिया गया कर्ज जुलाई 2020 में 5.4 प्रतिशत बढ़ा जबकि पिछले साल इसी महीने मंद इसमें 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सेवा क्षेत्र को दिए गए कर्ज में अच्छी वृद्धि जारी रही और आलोच्य महीने में इसमें 10.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, यह पिछले साल जुलाई में हुई 15.2 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले कम है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
बैंकों जमा बढ़ने और कर्ज की मांग घटन पर विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संकट को लेकर उपभोक्ता बेहद सतर्क हैं। वह नौकरी जाने या वेतन कटौती को लेकर आशंकित है। ऐसे में वह कर्ज की बजाय बचत को अधिक तरजीह दे रहे हैं। उनका कहना है कि समीक्षाधीन अवधि में केवल वाहन ऋण यानी ऑटो लेन में तेजी देखी गई है जो त्योहारी सीजन को लेकर है और उसमें आगे भी वृद्धि का रुख जारी रहेगी ऐसा अभी नहीं कहा जा सकता है।
वाहन कर्ज
वहीं यदि अलग अलग श्रेणी की बात की जाये तो वाहन के लिये कर्ज वृद्धि पिछले साल के 4.9 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 8.1 प्रतिशत रही है.
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