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कंपनियां कार बीमा प्रीमियम में देंगी राहत, 5 से 20 फीसदी तक की कमी

कई साधारण बीमा कंपनियों ने खुद हुए नुकसान (ओन डैमेज) के बीमा प्रीमियम में 5 से 20 फीसदी तक की कमी का ऐलान किया है। इससे ग्राहकों की कार बीमा किस्त में कमी होगी।  बजाज एलियांज, आईसीआईसीआई...

कंपनियां कार बीमा प्रीमियम में देंगी राहत, 5 से 20 फीसदी तक की कमी
नई दिल्ली, शेख जोएब सलीम Wed, 17 Jan 2018 09:40 AM
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कई साधारण बीमा कंपनियों ने खुद हुए नुकसान (ओन डैमेज) के बीमा प्रीमियम में 5 से 20 फीसदी तक की कमी का ऐलान किया है। इससे ग्राहकों की कार बीमा किस्त में कमी होगी।  बजाज एलियांज, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, यूनीवर्सल सोंपो ने इस श्रेणी के बीमा प्रीमियम में कटौती कर दी है। एचडीएफसी एरगो, फ्यूचर जनरल इंडिया और अन्य कंपनियां भी इस पर जल्द फैसला कर सकती है। 

यूनीवर्सल सोंपो के एमडी राजीव कुमार ने कहा कि बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने अगस्त 2017 में वाहन बीमा सेवा प्रदाता (एमआईएसपी) गाइडलाइन जारी की थी और यह एक नवंबर 2017 से लागू हुई थी। इसकी वजह से इस प्रीमियम में 15 से 20 फीसदी कमी संभव हुई है। 

इसके मुताबिक, बीमा कंपनियां या मध्यस्थ ग्राहकों को ओडी प्रीमियम में 19.5 फीसदी तक की छूट दे सकती हैं। हालांकि फार्म की फीस, बुनियादी खर्च, विज्ञापन व्यय और अन्य प्रकार के प्रशासनिक खर्च  आदि मिलाकर छूट तय सीमा से ज्यादा नहीं हो सकती। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के कार्यकारी निदेशक संजीव मंत्री का कहना है कि हम 87 फीसदी बीमा डिजिटल प्रदान करते हैं और सर्वे समेत तमाम कार्य भी ऑनलाइन हो रहे हैं, ऐसे में यह हमारे और ग्राहकों के लिए बचत का रास्ता खोलता है। निजी और व्यावसायिक वाहन की साधारण बीमा में बड़ी हिस्सेदारी है। छूट की पेशकश मुख्यतया निजी वाहनों के लिए है। इससे कई कंपनियां दोपहिया और निजी कारों को नई पॉलिसी और रिन्युअल पर ऐसी छूट देना आसान हुआ है। 

जीएसटी से बीमा कंपनियों को राहत

आईसीआईसीआई के संजीव मंत्री ने कहा कि जीएसटी से भी कंपनियों को राहत मिली है। पहले वाहनों के स्पेयर पार्ट पर 12 फीसदी वैट अदा करना पड़ता था, जो खर्च में जुड़ता था। लेकिन जीएसटी के तहत कंपनी इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर सकते हैं। 

क्या है वाहन का ओडी प्रीमियम

दरअसल, वाहन बीमा पॉलिसी के दो हिस्से होते हैं, एक थर्ड पार्टी की जिम्मेदारी और दूसरा ओडी। सभी पंजीकृत वाहनों के लिए थर्ड पार्टी लायबिलिटी के लिए बीमा कराना जरूरी है। इसका प्रीमियम इरडा तय करता है। इसमें वाहन या वाहन मालिक को हादसे के दौरान हुआ नुकसान नहीं आता। ओडी प्रीमियम वाहनमालिक की इच्छा पर है। दुर्घटना के वक्त वाहन को हुआ नुकसान और चोरी इसके दायरे में आती है। इसका प्रीमियम इरडा तय नहीं करता, ऐसे में कंपनियां इसमें छूट दे सकती हैं। 

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