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संयुक्त होम लोन: टैक्स की बचत ज्यादा पर ईएमआई में चूक से दोनों को हो सकती है परेशानी

पति-पत्नी या परिवार के करीबी संबंधी के साथ मिलकर घर खरीदने के लिए कर्ज ( संयुक्त होम लोन) लेना ज्यादा आसान होता है। इसमें ज्यादा टैक्स बचत संग कई फायदे हैं, लेकिन ईएमआई के भुगतान में कोई भी चूक...

Drigraj Madheshia नई दिल्ली। हिन्दुस्तान ब्यूरो, Thu, 13 Jan 2022 10:38 AM
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पति-पत्नी या परिवार के करीबी संबंधी के साथ मिलकर घर खरीदने के लिए कर्ज ( संयुक्त होम लोन) लेना ज्यादा आसान होता है। इसमें ज्यादा टैक्स बचत संग कई फायदे हैं, लेकिन ईएमआई के भुगतान में कोई भी चूक दोनों के लिए परेशानी का सबब भी बन सकती है। पति-पत्नी मिलकर होम लोन ले रहे हैं तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

मिलते हैं कई लाभ

एक फायदा तो यह है कि इससे आपके ऊपर से लोन चुकाने का बोझ कम हो जाता है। साथ ही आप अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर एक बड़ा घर खरीद सकते हैं। इसके अलावा, सरकार महिलाओं को रजिस्ट्रेशन शुल्क पर छूट देती है जिसका फायदा आपको हो सकता है। आप दोनों करदाता हैं तो दोनों अलग-अलग टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं जिससे आप ज्यादा छूट के हकदार हो सकते हैं।

क्रेडिट स्कोर हो सकता है खराब

संयुक्त होम लोन में अगर पति-पत्नी में से एक अपने हिस्से का भुगतान करने से इनकार करता है, तो इस स्थिति में यह दोनों के क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा जब आप संयुक्त होम लोन लेते हैं तो आप दोनों की क्रेडिट लिमिट खत्म हो जाती है। ऐसा होने पर इमरजेंसी की स्थिति में या अपने बच्चे के लिए एजुकेशन लोन लेने की स्थिति बैंक आपको कर्ज देने से मना कर सकते हैं।

मृत्यु की स्थिति में क्या होगा

अगर पति या पत्नी में से किसी एक की मृत्यु हो जाती है, तो लोन चुकाने की पूरी जिम्मेदारी दूसरे के ऊपर आ जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए होम लोन का भी बीमा कराया जाता है। बीमा होने की स्थिति में कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है।

बेचने में परेशानी

संयुक्त होम लोन के मामले में, घर का मालिकाना हक समान रूप से बंटता होता है और इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि ईएमआई का भुगतान किसने किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब एक से ज्यादा मालिक होते हैं, तब संपत्ति बेचना मुश्किल हो सकता है। उनका कहना है कि जब तक दोनों व्यक्ति बेचने के लिए सहमत न हों, तब तक इसे नहीं बेचा जा सकता है।

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