Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Chinese goods are not cheap inflation will not increase due to boycott

सस्ते नहीं हैं चाइनीज सामान, बहिष्कार से नहीं बढ़ेगी महंगाई

सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारत में चीन के उत्पादों का बहिष्कार शुरू हो गया है। साथ ही सरकार ने चीन के उत्पादों की सख्त जांच और देश में ही निर्माण को बढ़ाने देने के लिए कई कदम उठाएं हैं। इस बीच खुदरा...

Drigraj Madheshia नई दिल्ली। एजेंसी, Mon, 29 June 2020 09:34 AM
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सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारत में चीन के उत्पादों का बहिष्कार शुरू हो गया है। साथ ही सरकार ने चीन के उत्पादों की सख्त जांच और देश में ही निर्माण को बढ़ाने देने के लिए कई कदम उठाएं हैं। इस बीच खुदरा कारोबारियों के संगठन कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि चीन के उत्पादों के बहिष्कार से देश में उत्पादों के दाम बढ़ने की आशंका बेमानी है। खंडेलवाल का कहना है कि की 80 फीसदी उत्पादों के दाम चीन और भारत में बराबर हैं। खंडेलवाल का कहना है कि सरकार, उद्योग, व्यापार मिलकर काम करें, तो चीन पर निर्भरता शून्य  हो सकती है।

इस तरह चीन से बाजार पर बढ़ाया दबदबा: नब्बे के दशक के अंतिम वर्षों में चीन ने भारतीय बाजार का अध्ययन किया। उपभोक्ताओं के व्यवहार से उसने जाना कि सस्ते उत्पादों के जरिए वह भारतीय बाजार पर कब्जा कर सकता है। यहां तक कि उसने होली, दीपावली जैसे त्योहारों के लिए भी सामान डंप करना शुरू कर दिया। उसने अपने सामान के सस्ता होने का जमकर प्रचार किया।

यहां है चीन पर निर्भरता

उत्पाद आयात फीसदी में
इलेक्ट्रनिक्स 45
मशीनरी 32
ऑर्गेनिक केमिकल 38
फर्नीचर 57
उर्वरक 28
वाहन उपकरण 25
दवा 68

पीपीई किट-मास्क उत्पादक बनकर दिखाया

ताइवान, वियतनाम, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी और यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया से भी हम आयात बढ़ाकर चीन पर निर्भरता कम कर सकते हैं। इसके अलावा हम देश में भी काफी चीजों का उत्पादन कर सकते हैं। कोविड-19 से पहले देश में किसी ने पीपीई किट, मास्क या वेंटिलेटर के उत्पादन के बारे में नहीं सोचा था। आज इनके उत्पादन में हम दुनिया के कई देशों से आगे निकल गए हैं। हम किसी भी चीज का उत्पादन कर सकते हैं और दूसरे देशों को उनका निर्यात भी कर सकते हैं।

इस तरह बने रणनीति

कैट काह कहना है कि  हम चाहते हैं कि हमारे उद्योग चीन से आयात पर अपनी निर्भरता घटाएं। सरकार उद्योगों के लिए प्रत्येक जिले में कम से कम 50 एकड़ जमीन चिह्नित करे। वहां हम अपनी विनिर्माण इकाइयां लगा सकते हैं।भारत में श्रम सस्ता है, जमीन उपलब्ध है, उपभोग के लिए बड़ी आबादी है। अगर सब मिलकर चलें, तो निश्चित तौर पर हम अगले चार-पांच साल में चीन से आयात पूरी तरह समाप्त कर सकते हैं।

टाटा-अंबानी से मदद की गुहार: कैट ने चीन के उत्पादों के बहिष्कार के अभियान के लिए मुकेश अंबानी, रतन टाटा से लेकर सभी बड़े उद्योगपतियों का समर्थन मांगा है। संगठन का कहना है कि अब हम समाज के अन्य वर्गों के लोगों के पास जा रहे हैं। संगठन ने 500 चीनी उत्पादों की सूची बनाई है।

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