चीन ने समय पर नहीं भेजा कोरोना की जांच के लिए रैपिड टेस्ट किट, अब भारत में ही तैयार करने लगीं कंपनियां
कोविड -19 के लिए एंटीबॉडी-आधारित रैपिड टेस्ट किट (आरटीके) बनाने के लिए सरकार ने तीन फर्मो को लाइसेंस जारी किया था इसके बाद दो में उत्पादन भी शुरू हो गया है। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक तीन भारतीय...
कोविड -19 के लिए एंटीबॉडी-आधारित रैपिड टेस्ट किट (आरटीके) बनाने के लिए सरकार ने तीन फर्मो को लाइसेंस जारी किया था इसके बाद दो में उत्पादन भी शुरू हो गया है। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक तीन भारतीय निर्माताओं में से दो ने राष्ट्रीय नियामक संस्था केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) द्वारा विनिर्माण लाइसेंस जारी करने के बाद फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के लिए उत्पादन शुरू कर दिया है।
बता दें भारत सरकार ने चीन को रैपिड टेस्ट किट का ऑर्डर दिया था, जिसे पहले 5 अप्रैल तक आना था, फिर 9 अप्रैल और आखिरकार बुधवार तक भी नहीं पहुंचा। इसके बाद यह कदम उठाया गया। इस महीने की शुरुआत में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने तीन कंपनियों, नई दिल्ली में मोहरा डायग्नोस्टिक्स, केरल में सरकारी स्वामित्व वाली HLL लाइफकेयर लिमिटेड और गुजरात में वोक्सटूर बायो लिमिटेड द्वारा निर्मित आरटीके के नमूनों को पास करने के बाद उनको विनिर्माण लाइसेंस जारी कर दिया था।
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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी HLL Lifecare Limited ने 14 अप्रैल को हरियाणा के मानेसर स्थित अपने संयंत्र में RTK का उत्पादन शुरू किया। इसका लक्ष्य 20 अप्रैल तक 100,000 किट का अपना पहला बैच तैयार करना है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने सोमवार 13 अप्रैल को सीडीएससीओ से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद किटों का निर्माण शुरू किया है। हमारे पास एक सप्ताह में 100,000 परीक्षण किट बनाने की क्षमता है। हम आईसीएमआर को सीधे आपूर्ति करेंगे, ”
चीन से 650,000 किट आज हुए रवाना
हालांकि अब खबर आ रही है कि भारत के लिए चीन से 650,000 किट भेजे जा रहे हैं। चीन में भारतीय राजदूत ने गुरुवार को बताया कि आज सुबह कुल 650,000 किट गुआंगझू एयरपोर्ट से भारत के लिए भेज दी गई हैं। इसमें रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट और आरएनए एक्स्ट्रैक्शन किट भी शामिल हैं।
Blue Dart Air Cargo today in Guwahati delivered medical goods including 50,000 Personal Protective Equipment (PPEs) kits brought from Guangzhou in China. The cargo flight will go to Kolkata now and then to Delhi: Assam Health Department pic.twitter.com/45Ydm2SI3t
— ANI (@ANI) April 15, 2020
क्या होता है एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट
रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट में मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है। इसका रिजल्ट 15 से 20 मिनट में आ जाता है। इसमें उंगली में सुईं चुभोकर खून का सैंपल लेते हैं और यह देखते हैं कि संदिग्ध के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रहे हैं या नहीं। यह टेस्ट उन लोगों में ज्यादा कारगर है, जिनके लक्षण शुरू में नहीं दिखाई देते, हालांकि, रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट यह नहीं बताता कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है कि नहीं।
इस टेस्ट से यह पता चल जाता है कि कोरोना के मामले किस इलाके में तेजी से बढ़ रहे हैं। आईसीएमआर ने अगर रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट निगेटिव आता है तो मरीज का आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट किया जाए। अगर टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो मरीज को प्रोटोकॉल के अनुसार आइसोलेशन में रखें, इलाज करें और उनके संपर्क में आए लोगों को खोजें।
