Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Cheque bounce cases have increased to 35 lakhs Supreme Court asked Can Center set up additional courts

चेक बाउंस मामले बढ़कर हुए 35 लाख, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा-क्या अतिरिक्त अदालतें गठित कर सकता है केंद्र

चेक बाउंस के मामले बढ़कर 35 लाख पहुंचने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह ऐसे मामलों के तेजी से निपटान के लिए अतिरिक्त अदालतें गठित कर सकती है। चीफ...

Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीFri, 26 Feb 2021 10:14 AM
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चेक बाउंस के मामले बढ़कर 35 लाख पहुंचने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह ऐसे मामलों के तेजी से निपटान के लिए अतिरिक्त अदालतें गठित कर सकती है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे और न्यायाधीश एल नागेश्वर राव और न्यायाधीश एस रवीन्द्र भट्ट की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी से अगले सप्ताह यह बताने को कहा कि क्या केंद्र 'नेगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट एक्ट (एनआई कानून)के अंतर्गत आने वालों मामलों के तेजी से निपटान के लिए अनुच्छेद 247 के तहत अतिरिक्त अदालतें गठित करने को इच्छुक है।  बनर्जी ने कहा कि वह इस बारे में निर्देश प्राप्त कर न्यायालय को सुनवाई की अगली तारीख को सूचित करेंगे।

स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई

संविधान के अनुच्छेद 247 के तहत संसद को उसके द्वारा बनाए गए या केंद्रीय सूची में आने वाले मामलों के संदर्भ में मौजूदा कानून के बेहतर तरीके से अनुपालन और प्रशासन को लेकर अतिरिक्त अदालतें गठित करने का अधिकार है।  शीर्ष अदालत चेक बाउंस मामलों के तेजी से निपटान के लिए व्यवस्था बनाने के मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है।

पीठ ने बनर्जी और मामले में अदालत की मदद कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लुथरा से कहा कि कुछ ऐसे निर्णय हैं, जिसमें कहा गया है कि विधायिका का यह कर्तव्य है कि वह कानून के तहत नया अपराध बनाने से पहले उसके प्रभाव का आकलन करे। न्यायालय ने यह जानना चाहा कि क्या सरकार एनआई कानून के तहत अतिरिक्त अदालतें गठित करने को बाध्य है।

ई-मेल के जरिये समन भेजने का सुझाव

लुथरा ने ऐसे मामलों के तेजी से निपटान को लेकर न्यायालय को कुछ सुझाव दिए। इसमें ई-मेल या सोशल मीडिया के जरिये इलेक्ट्रॉनिक तरीके से समन भेजा जाना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि चेक बाउंस के कई मामले अदालतों में इसलिए फंसे हैं कि समन का तामील नहीं हुआ। अब जब चीजें आधार से जुड़ी हैं, समन इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भेजे जा सकते हैं।

अगले सप्ताह जारी रहेगी सुनवाई

 पीठ ने कहा कि वह मामले में सुनवाई अगले सप्ताह जारी रखेगी और इस मामले में केंद्र के विचार मांगे। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 19 जनवरी को विभिन्न उच्च न्यायालयों और पुलिस महानिदेशकों से चेक बाउंस मामलों के तेजी से निपटान के मामले में अपना जवाब देने को कहा। न्यायालय ने पिछले साल पांच मार्च को मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए ऐसे मामलों के तेजी से निपटान को लेकर समन्वित तथा एकीकृत व्यवस्था तैयार करने का निर्णय किया था।

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