कैरी बैग के लिए 20 रुपये चार्ज करना पड़ा महंगा, कंज्यूमर कोर्ट ने लगाया जुर्माना
आइकिया ने 'कैरी बैग' के लिए 20 रुपये का शुल्क लिया, जिसपर उसका 'लोगो' छपा हुआ था। कंपनी द्वारा 'पेपर बैग' पर शुल्क लेने के मामले में कोर्ट ने 3,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है।

आइकिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड स्वीडन की खुदरा फर्नीचर कंपनी है। इस कंपनी को एक उपभोक्ता से पेपर बैग के लिए चार्ज करना महंगा पड़ गया। उपभोक्ता आयोग ने आइकिया को न केवल ग्राहक के पैसे लौटाने का निर्देश दिया है, बल्कि कंपनी को खरीदे गए सामान के लिए 'पेपर बैग' पर शुल्क लेने के मामले में 3,000 रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया गया है। आइकिया को आदेश मिलने की तारीख से 30 दिन के भीतर इसका अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है।
आइकिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को उपभोक्ता को ब्याज सहित 20 रुपये का भुगतान करने, साथ ही क्षतिपूर्ति के रूप में 1,000 रुपये और मुकदमेबाजी पर आए खर्च के लिए 2,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया।
'कैरी बैग' के लिए 20 रुपये का शुल्क लिया
अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (बेंगलुरु, शांतिनगर) ने अपने आदेश में कहा कि आइकिया ने 'कैरी बैग' के लिए 20 रुपये का शुल्क लिया, जिसपर उसका 'लोगो' छपा हुआ था। आयोग ने कहा, बैग के लिए शुल्क लेना अनुचित व्यापार व्यवहार है। उपभोक्ता संगीता बोहरा छह अक्टूबर को यहां आइकिया के नागासंद्रा शाखा गईं थी, जहां उनसे पेपर बैग के लिए शुल्क लिया गया। इसके बाद उन्होंने आयोग का रुख कर दावा किया कि यह अनुचित व्यापार व्यवहार है।
