बिजनेस: गुजरात में स्टार्टअप के लिए सबसे अच्छा माहौल
देश में नए स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने के मामले में गुजरात सबसे अच्छा राज्य बना है। औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) द्वारा उभरते उद्यमियों के लिए राज्यों द्वारा अधिक...
देश में नए स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने के मामले में गुजरात सबसे अच्छा राज्य बना है। औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) द्वारा उभरते उद्यमियों के लिए राज्यों द्वारा अधिक अनुकूल तंत्र विकसित कराने के प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग जारी की गई है। इस रैंकिंग में गुजरात शीर्ष पर रहा है।
इस रैंकिंग में गुजरात के बाद कर्नाटक, केरल, ओड़िशा और राजस्थान का नंबर आता है। रैंकिंग रूपरेखा में हस्तक्षेप के सात क्षेत्रों और 38 कार्रवाई बिंदुओं को शामिल किया गया। इसमें नीतिगत समर्थन, इनक्यूबेशन केंद्र, शुरुआती पूंजी, एंजल और उद्यम वित्तपोषण और सुगम नियमन शामिल हैं।
योजना का मकसद उद्यमियों को प्रोत्साहित करना
सरकार ने स्टार्टअप इंडिया कार्य योजना जनवरी में शुरू की थी। इसका मकसद देश में उभरते उद्यमियों को प्रोत्साहन देना है। योजना के तहत कर अवकाश, इंस्पेक्टर राज से मुक्त व्यवस्था और पूंजीगत लाभ कर की छूट दी जा रही है। डीआईपीपी के सचिव रमेश अभिषेक ने गुरुवार को कहा, इस रैंकिंग से राज्यों को स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारने में मदद मिलेगी। इस रैंकिंग का आधार राज्यों द्वारा स्टार्टअप के लिए अनुकूल तंत्र विकसित करने के लिए किए गए प्रयास है। इस प्रक्रिया में 27 राज्य और तीन संघ शासित प्रदेशों ने भाग लिया।
रैंकिंग में शीर्ष राज्य
गुजरात
कर्नाटक
केरल
ओडिशा
राजस्थान
आंध्रप्रदेश
बिहार
छत्तीसगढ़
मध्यप्रदेश
तेलांगना
11वें स्थान पर हरियाणा,
12वें नंबर पर हिमाचल प्रदेश
14वें स्थान पर उत्तर प्रदेश,
अंतर-मंत्रालयी बोर्ड के पास आवेदन दें: वाणिज्य मंत्रालय
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एंजल कर को लेकर गुरुवार को कहा कि स्टार्टअप छूट प्राप्त करने के लिए अंतर-मंत्रालयी बोर्ड के पास आवेदन दें। बोर्ड का गठन इसी उद्देश्य से किया गया है। एंजल कर को लेकर उभरते उद्यमियों द्वारा जतायी गई चिंता के बीच मंत्रालय ने यह बात कही। औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) सचिव रमेश अभिषेक ने कहा, धनाढ्य निवेशकों (एचएनआई) और अन्य प्रकार के व्यक्तिगत निवेशकों के लिये पहले कोई व्यवस्था नहीं थी। इसीलिए डीआईपीपी और आयकर विभाग ने इसके लिए प्रणाली बनायी और अंतर-मंत्रालयी बोर्ड का गठन किया। उन्होंने कहा, जो लोग चाहते हैं कि निवेश को कानून के उक्त प्रावधान से छूट मिले, उन्हें आवेदन करना होगा। नये बोर्ड का गठन अप्रैल में किया गया।