कोरोना लॉकडाउन के चलते बंद पड़ी अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलने के बाद अब सरकार की कोशिश इसे जल्द से जल्द पटरी पर लाने की है। इसी के तहत सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में एमएसएमई को जहां एक तरफ नए सिरे से परिभाषित किया गया और रेहड़ी-पटरी वालों को 10 हजार के लोन देने का ऐलान हुआ तो वहीं किसानों का भी खास ख्याल रखा गया है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग्स के दौरान कहा कि किसानों को राहत देने के लिए 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 से 83 फीसद की वृध्दि की गई है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाबजूद रबी फसल की रिकार्ड खरीद हुई।
तोमर ने कहा, ऋण को चुकाने के लिए किसानों को ज्यादा वक्त दिया जाएगा और अब यह समय बढ़कर अगस्त तक कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि साल 2020-21 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य अब 1868 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। ज्वार को 2620 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा को 2150 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। जबकि, रागी, मूंग, सोयाबीन, तिल, कपास और मूंगफली पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को पचास फीसदी तक बढ़ाया गया है।
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पीएम स्वनिधि स्कीम के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा 10 हजार का लोन
कोरोना वायरस की वजह से लड़खड़ाई देश की अर्थव्यवस्था से सबसे अधिक प्रभावित रेहड़ी-पटरी पर काम करने वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) को अब पीएम स्व निधि स्कीम के तहत 10 हजार का कर्ज दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में सोमवार (1 जून) आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार (1 जून) को हुई केंद्रीय कैबिनट की बैठक में 'आत्मनिर्भर भारत योजना' को मंजूरी दे दी गई।
यूनियन कैबिनेट की मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक हुई, दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी, जिसमें कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिससे किसानों, MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) और रेहड़ी पटरी वालों पर एक परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा।"
दरअसल कोरोना संकट से बिगड़ी देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की शुरुआत की थी। इसके तहत 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते 14 मई को बताया था कि रेहड़ी-पटरी और ठेले पर समान बेचने वाले 50 लाख लोगों को लोन देने के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था आर्थिक पैकेज के तहत की गई है। इस स्कीम में प्रति व्यक्ति अधिकतम 10 हजार रुपए का लोन मिलेगा।
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