Budget 2023: आईटीआर को सरल बनाने की जरूरत, कैपिटल गेन टैक्स को युक्तिसंगत बनाएं : विशेषज्ञ
सिर्फ कैपिटल गेन, डिविडेंड या ब्याज से इनकम पर टैक्स देने वाले आयकरदाताओं के लिए बजट में सरल आयकर रिटर्न फॉर्म लाया जाना चाहिए। कैपिटल गेन टैक्स व्यवस्था को भी युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है।
सिर्फ कैपिटल गेन, डिविडेंड या ब्याज से इनकम पर टैक्स देने वाले आयकरदाताओं के लिए बजट में सरल आयकर रिटर्न फॉर्म लाया जाना चाहिए। विशेषज्ञों ने यह राय देते हुए कहा कि कैपिटल गेन टैक्स व्यवस्था को भी युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है। आयकर कानून के तहत पूंजीगत संपत्ति के ट्रांसफर पर होने वाले लाभ (चल और अचल दोनों) पर कैपिटल गेन के तहत कर लगाया जाता है। अलग-अलग परिसंपत्ति वर्ग के लिए कर की दर अलग-अलग है। इसके अलावा परिसंपत्ति को पास में रखने के आधार पर शार्ट टर्म गेन या लांग टर्म गेन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
भारत में पूंजी बाजार तेजी से बढ़ रहा है और कंपनियां धन जुटाने के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) का रास्ता अपना रही हैं। ऐसे में व्यापक मांग है कि कैपिटल गेन कर संरचना को सुव्यवस्थित किया जाए। डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि विभिन्न प्रकार की संपत्तियों के लिए होल्डिंग अवधि और विभिन्न प्रकार की पूंजीगत संपत्तियों के लिए कर दरों को सरल बनाना चाहिए।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के कर लीडर अरविंद श्रीवत्सन ने कहा कि भारत में कई स्टार्टअप कंपनियां फिर से शुरू हो रही हैं और निवेशकों ने कैपिटल गेन व्यवस्था को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की मांग की है।
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