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हिंदी न्यूज़ बिजनेसBudget 2023 Income Tax Slabs: अब 7 लाख तक की आय वाले को नहीं देना होगा कोई टैक्स

Budget 2023 Income Tax Slabs: अब 7 लाख तक की आय वाले को नहीं देना होगा कोई टैक्स

न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि जिनकी कुल आय सात लाख रुपये तक है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा टैक्स स्लैब की संख्या भी घटाकर सात से छह हुई।

Budget 2023 Income Tax Slabs: अब 7 लाख तक की आय वाले को नहीं देना होगा कोई टैक्स
Prabhash Jhaलाइव हिंदुस्तानWed, 01 Feb 2023 04:00 PM
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में पर्सनल इनकम टैक्स को लेकर पांच बड़ी घोषणाएं की हैं। न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि जिनकी कुल आय सात लाख रुपये तक है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। ओल्ड टैक्स रिजीम में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।वर्तमान में 5 लाख रुपये तक की आय वालों को पुरानी और नई, दोनों टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है। हालांकि, जिनकी कुल सालाना आय 7 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें अपने स्लैब के मुताबिक टैक्स देना होगा।  न्यू टैक्स रिजीम की ओर टैक्सपेयर्स को आकर्षित करने के लिए इसमें और भी कई तरह की छूट का ऐलान किया गया है।

साथ ही, टैक्स स्लैब की संख्या भी घटाकर सात से छह कर दी गई है। इस कदम से अगर कोई व्यक्ति सात लाख रुपये तक कमाता है, तो उसे न्यू टैक्स रिजीम अपनाने से सालाना 33,800 रुपये की बचत होगी, वहीं 10 लाख रुपये तक की आय पर 23,400 रुपये और 15 लाख रुपये तक की आय पर 49,400 रुपये की बचत होगी। इसके अलावा, बजट में दो करोड़ रुपये से अधिक पर्सनल इनकर वालों को राहत भी दी गई है। इसमें सरचार्ज की उच्चतम दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत की गई है। इससे करीब 5.5 करोड़ रुपये वेतन आय वाले को लगभग 20 लाख रुपये की बचत होगी।

इन बदलावों के बाद न्यू टैक्स रिजीम के तहत तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। तीन लाख रुपये से छह लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत, छह से नौ लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत और 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा।

New Tax Regime Income Tax Slab

0-3 लाख तक: कोई टैक्स नहीं
3 लाख से- 6 लाख तक: 5%
 6 लाख से  9 लाख तक: 10%
9 लाख से 12 लाख तक: 15%
12 लाख से 15लाख तक: 20%
15 लाख से ऊपर: 30%

सैलरीड क्लास और पेंशनभोगियों के लिए न्यू टैक्स रिजीम में भी स्टैंडर्ड डिडक्शन के लाभ दिया गया है, जो पहले नहीं था। 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक आय वाले प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति को 52,500 रुपये तक का लाभ मिलेगा। वर्तमान में ओल्ड रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये है और प्रोफेशनल टैक्स के लिए अधिकतम डिडक्शन 2,500 रुपये है। इसके अलावा गैर-सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट पर टैक्स फ्री लीव इनकैशमेंट की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। पांच करोड़ रुपये से अधिक की सालाना इनकम पर सरचार्ज की रेट 37% से घटाकर 25% कर दी गई है।

डेलॉयट इंडिया में  पार्टनर नीरू आहूजा ने कहा, "न्यू टैक्स रिजीम में किए गए प्रस्तावों से साफ है कि सरकार चाहती है कि सैलरीड क्लास इसे अपनाए। हालांकि, इसके तहत आप किसी भी तरह की छूट का दावा नहीं कर सकते हैं।" उन्होंने कहा, "आमतौर पर वेतनभोगी लोग टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए बचत करते है। बजट में न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव का मकसद लोगों को उस सोच से बाहर निकालना है। सरकार ने यह संकेत दिया है कि नई कर व्यवस्था बनी रहेगी और आगे यही एकमात्र विकल्प होगा।"

सरकार ने ओल्ड टैक्स रिजीम को फेज वाइज हटाने के लिए न्यू टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने की घोषणा की है। न्यू टैक्स रिजीम ही अब डिफॉल्ट टैक्स रिजीम होगा और किसी को ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत रिटर्न फाइल करना है तो उसे बदलना होगा। वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम यानी बिना कोई छूट वाली कर व्यवस्था को  डिफॉल्ट बनाने का प्रस्ताव किया। डिफॉल्ट व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर इनकम टैक्स एक्सपर्ट  सत्येन्द्र जैन ने बताया कि इसका मतलब है कि अगर आपने आयकर रिटर्न में आपने अपना विकल्प नहीं चुना है तो आप स्वत:न्यू टैक्स रिजीम में चले जाएंगे।


पुराने और नए टैक्स रिजीम में क्या अंतर है?

सरकार 2020-21 के बजट में वैकल्पिक यानी न्यू टैक्स रिजीम लेकर आई थी। इसके तहत व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार को कम दर से टैक्स लगता है, लेकिन उन्हें एचआरए, होम लोन के ब्याज पर छूट, 80 सी, 80 डी और 80सीसीडी के तहत कोई छूट या अन्य कटौती का लाभ नहीं मिलता। इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता था, जिसे बढ़ाकर तीन लाख किया गया है।
पहली वाली व्यवस्था को ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) के नाम से जाना जाता है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नई व्यवस्था (New Tax Regime) शुरू की गई थी हालांकि अभी पुरानी टैक्स प्रणाली को भी बरकरार रखा गया है। ओल्ड टैक्स रिजीम में सेक्शन 80 C और 80 D जैसे टैक्स सेविंग उपकरणों के जरिए टैक्सपेयर्स टैक्स बचा सकते हैं, लेकिन नई व्यवस्था में इस तरह की कोई इग्जेम्प्शन नहीं है। इस वजह से नई टैक्स प्रणाली को बहुत ही कम लोगों ने अपनाया और इसी वजह से सरकार ने इस बार सारी घोषणाएं इसी के तहत की है। सैलरी पाने वाले लोगों को न्यू टैक्स  रिजीम से कोई फायदा नहीं है क्योंकि उन्हें HRA, LTA , स्टैंडर्ड डिडक्शन, सेक्शन 80C और सेक्शन 80D के तहत मिलने वाली डिडक्शन नहीं मिलती है। 

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