बजट 2019: ट्रेडर्स की मांग GST को बनाया जाए आसान, इन प्रोडक्ट को 28% टैक्स स्लैब से हटाया जाए
देश का व्यापारी वर्ग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट को आसान और युक्ति संगत बनाने की मांग कर रहा है। 5 जुलाई को बजट पेश होना है। बजट पेश होने से पहले व्यापार संगठनों ने अपनी मांगे वित्त मंत्री...
देश का व्यापारी वर्ग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट को आसान और युक्ति संगत बनाने की मांग कर रहा है। 5 जुलाई को बजट पेश होना है। बजट पेश होने से पहले व्यापार संगठनों ने अपनी मांगे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आगे रखी। जीएसटी टैक्स प्रणाली को आसान और उसे युक्ति संगत बनाने के लिए व्यापारियों की एसोसिएशन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी पर एक विस्तृत श्वेत पत्र तैयार किया जिसे संगठन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को दिया।
इन प्रोडक्ट को हटाया जाए 28 फीसदी स्लैब से
खंडेलवाल ने लाइव हिन्दुस्तान को बताया कि वित्त मंत्री सीतारमण से जीएसटी टैक्स स्लैब के तहत रखी गई वस्तुओं की समीक्षा करने का आग्रह किया क्योंकि विभिन्न टैक्स स्लैब में शामिल अनेक वस्तुएं एक दुसरे पर ओवरलैप कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीति के रूप में, कच्चे माल की कर की दर तैयार माल की कर दर से अधिक नहीं होनी चाहिए। विभिन्न वस्तुएं जैसे ऑटो पार्ट्स, अल्लुमिनियम बर्तन आदि जो विलासिता की वस्तुएं नहीं हैं, इन्हें 28% कर स्लैब से निकाला जाना चाहिए और इन्हें कम कर स्लैब के तहत रखा जा सकता है।
जीएसटीआर 9 फॉर्म को बनाया जाए आसान
खंडेलवाल ने वित्त मंत्री से फॉर्म जीएसटीआर 9 और 9 सी को सरल बनाने का भी आग्रह किया क्योंकि यह फॉर्म विभिन्न प्रकार के विवरण मांगते है जो पहले कर प्रणाली में निर्धारित नहीं थे और इसलिए व्यापारी इसका अनुपालन करने में असमर्थ हैं।
व्यापारियों को नहीं मिल रहा लोन
खंडेलवाल ने यह भी कहा कि मूल घोषणा के अनुसार, गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों को व्यापारियों को वित्त देने के लिए मुद्रा योजना में शामिल किया जाना चाहिए और बैंकों को एनबीएफसी और एमएफआई को वित्त देने के लिए कहा जाना चाहिए। संगठन ने एडवांस रूलिंग, रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म, जीएसटी रिटर्न का सुधार, जीएसटी का भुगतान करने की देयता सहित कई मुद्दों को बेहतर करने की मांग की है।
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