Budget 2019: पहली बार एक लाख करोड़ के पार हो सकता है शिक्षा बजट
अगले महीने पेश होने जा रहा देश का आम बजट शिक्षा के लिए ऐतिहासिक बजट साबित हो सकता है। जानकारों का मानना है कि इस बजट में पहली बार शिक्षा के क्षेत्र में आवंटन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।...
अगले महीने पेश होने जा रहा देश का आम बजट शिक्षा के लिए ऐतिहासिक बजट साबित हो सकता है। जानकारों का मानना है कि इस बजट में पहली बार शिक्षा के क्षेत्र में आवंटन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। हालांकि, हाल में घोषित सवर्ण आरक्षण से पड़ने वाले आर्थिक बोझ और उच्च शिक्षा संस्थानों में सातवें वेतनमान के अनुरूप भत्ते लागू करने के बाद संभावित खर्चों को देखते हुए सरकार शायद ही कोई नई योजना बजट में घोषित कर सके। मालूम हो, वर्ष 2018-19 के आम बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 85 हजार 10 करोड़ रुपये आवंटित की गई थी। इसमें से 50 हजार करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा के लिए, जबकि 35,010 करोड़ रुपये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करने का प्रावधान किया गया था।
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शिक्षा के क्षेत्र पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक, सवर्ण आरक्षण से पड़ने वाले आर्थिक भार और उच्च शिक्षा संस्थानों में सातवें वेतनमान के अनुरूप भत्ते लागू करने के कारण इस साल सरकार को बजट में बढ़ोतरी करनी होगी। जानकारों के मुताबिक, वर्ष 2006 में केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू करने से पड़े आर्थिक भार को वहन करने के लिए केंद्र सरकार ने सात हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। ऐसे में वर्तमान मूल्य पर सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 25 फीसदी सीट बढ़ाने से 10 से 15 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। ये खर्च केंद्र को वहन करना होगा। यदि सरकार इसे तीन चरणों में भी लागू करती है, तो उसे इस सात-आठ हजार करोड़ रुपये इस मद में आवंटित करने होंगे।
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय अगले महीने से केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए सातवें वेतनमान के अनुरूप भत्ते देने की योजना बना रहा है। इससे भी दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का भार पड़ेगा। इतना ही नहीं, इस साल से मंत्रालय को केंद्रीय शिक्षा संस्थानों द्वारा उच्च शिक्षा वित्तीय एजेंसी (हीफा) से लिए गए कर्ज की किस्तें भी चुकानी पड़ सकती हैं। इस तरह यह स्पष्ट है कि सरकार इस बार अब तक का सबसे बड़ा शिक्षा बजट लाने की तैयारी में है, लेकिन इसमें किसी नई बड़ी योजना की घोषणा की संभावना नहीं हैं।