Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Bombay Dyeing Chairman Nusli Wadia withdrawing all cases of defamation including compensation of Rs 3000 crore to Ratan Tata

बॉम्बे डाइंग के अध्यक्ष नुस्ली वाडिया व रतन टाटा के बीच सुलह, 3,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति समेत मानहानि के सभी मामले वापस लिए

बॉम्बे डाइंग के अध्यक्ष नुस्ली वाडिया ने उच्चतम न्यायालय से रतन टाटा, अन्य के खिलाफ 3,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति समेत मानहानि के सभी मामले वापस ले लिए हैं। इससे पहले पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय...

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 13 Jan 2020 01:33 PM
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बॉम्बे डाइंग के अध्यक्ष नुस्ली वाडिया ने उच्चतम न्यायालय से रतन टाटा, अन्य के खिलाफ 3,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति समेत मानहानि के सभी मामले वापस ले लिए हैं। इससे पहले पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय ने बांबे डाइंग के अध्यक्ष नुस्ली वाडिया और टाटा संस के अवकाश प्राप्त अध्यक्ष रतन टाटा से कहा था कि वे एकसाथ बैठकर मानहानि के मामले में अपने मतभेद सुलझायें। नुस्ली वाडिया ने 2016 में रतन टाटा और टाटा संस के अन्य निदेशकों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला उस वक्त दायर किया था जब उन्हें टाटा समूह की कुछ कंपनियों के निदेशक मंडल से निकाल दिया गया था। 

6 जनवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यााधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, ‘‘आप दोनों परिपक्व व्यक्ति हैं। आप दोनों उद्योग जगत के नेता हैं। आप दोनों इस मामले को सुलझा क्यों नहीं लेते। आप दोनों एकसाथ बैठकर अपने मतभेद सुलझा क्यों नहीं लेते। ’’ इसके बाद इस मामले की सुनवाई 13 जनवरी के लिये स्थगित कर दी गई।

— Press Trust of India (@PTI_News) January 13, 2020

 

पीठ शुरू में तो बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुये इस मामले का निबटारा करना चाहती थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि इसमें मानहानि करने की कोई मंशा नहीं थी, लेकिन बाद में पीठ ने इसे 13 जनवरी के लिये उस समय स्थगित कर दिया, जब वाडिया के वकील ने कहा कि इस मामले में अलग से दायर एक वाद के बारे में उन्हें अपने मुवक्किल से निर्देश प्राप्त करने होंगे। इससे पहले, वाडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने कहा कि वह टाटा समूह के खिलाफ नहीं हैं और न ही निदेशक मंडल से हटाये जाने की वजह से हुयी मानहानि की भरपाई के लिये कोई दावा कर रहे हैं।

पीठ ने वाडिया से कहा था कि रतन टाटा और अन्य को उनसे भी कुछ शिकायतें हैं और सवाल यह है कि इसे मानहानि कैसे माना जाये। रतन टाटा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वाडिया ने जवाब मांगने के लिये कानूनी नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि बंबई उचच न्यायालय का निष्कर्ष है कि उनकी मानहानि करने की कोई मंशा नहीं थी और शीर्ष अदालत को इसे दर्ज करके याचिका का निबटारा कर देना चाहिए।

रतन टाटा और अन्य को जारी हुई थी नोटिस

पीठ ने कौल से कहा था कि वह 13 जनवरी तक अपने मुवक्किल से निर्देश प्राप्त करके सूचित करें कि क्या वह इस मामले में दायर वाद में आगे कार्यवाही करना चाहते हैं। वाडिया ने उच्च न्यायालय के पिछले साल के आदेश को चुनौती दी है जिसमें टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा, वर्तमान अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन और आठ निदेशकों के खिलाफ उनके आपराधिक मानहानि के मामले में मुंबई की निचली अदालत द्वारा शुरू की गयी कार्यवाही निरस्त कर दी गयी थी। मजिस्ट्रेट की अदालत ने 15 दिसंबर, 2018 को रतन टाटा और अन्य को नोटिस जारी किए थे।

(Input: भाषा)

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