कोरोना संकट से जूझ रही कंपनियों को बड़ी राहत, दिवाला कानून तीन महीने और स्थगित
कोरोना की वजह से संकट में जूझ रही कंपनियों को सरकार ने एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने दिवाला ऋणशोधन अक्षमता प्रक्रिया (आईबीसी) को तीन माह और स्थगित करने का फैसला किया है। मार्च में दी गई छह माह की...
कोरोना की वजह से संकट में जूझ रही कंपनियों को सरकार ने एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने दिवाला ऋणशोधन अक्षमता प्रक्रिया (आईबीसी) को तीन माह और स्थगित करने का फैसला किया है। मार्च में दी गई छह माह की स्थगन अवधि शुक्रवार को खत्म हो रही थी। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने एक अधिसूचना में यह जानकारी दी है।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा ने शनिवार को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी। इसके तहत कोरोना वायरस महामारी की वजह से 25 मार्च से छह महीने तक कोई नई दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। यह छह माह की अवधि 25 सितंबर को समाप्त हो रही थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा था कि इस बारे में संबंधित प्रावधानों को स्थगित करने पर फैसला अगले सप्ताह लिया जाएगा। उसी के मद्देजर गुरुवार को नई अधिसूचना जारी की गई है।
कोविड-19 की वजह से सरकार ने 25 मार्च से छह महीने के लिए संबंधित प्रावधानों को स्थगित करने का फैसला किया था। इसके लिए जून में अध्यादेश लाया गया था। देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च को ही लॉकडाउन लगाया गया था। नई अधिसूचना के तहत आईबीसी की धारा 7, 9, 10 को तीन माह और स्थगित करने का फैसला किया गया है।
आईबीसी की धारा 7, 9 और 10 किसी कंपनी के वित्तीय ऋणदाता, परिचालन के लिए कर्ज देने वालों को उसके खिलाफ दिवाला ऋणशोधन अक्षमता प्रक्रिया शुरू करने से संबंधित है।वित्त मंत्री ने हालांकि, पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि 25 मार्च से पहले कर्ज भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया के तहत कार्रवाई जारी रहेगी। इस संशोधन से ऐसी कंपनियों को राहत नहीं मिलेगी।
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