Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Big opportunity for small investors to earn from IPO

छोटे निवेशकों के लिए आईपीओ से कमाई का बड़ा मौका

  भारतीय बाजार में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का सूखा खत्म होने वाला है। कोरोना संकट के बाद बाजार में आई गिरावट के बाद अब मजबूती के संकेत दिखने लगे हैं। इससे कंपनियों का उत्साह बढ़ा है।...

Sheetal Tanwar एजेंसी , नई दिल्लीMon, 7 Sep 2020 09:20 AM
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भारतीय बाजार में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का सूखा खत्म होने वाला है। कोरोना संकट के बाद बाजार में आई गिरावट के बाद अब मजबूती के संकेत दिखने लगे हैं। इससे कंपनियों का उत्साह बढ़ा है। वह फिर से आईपीओ ला रही हैं। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक 34 कंपनियां आईपीओ लाने की कतार में खड़ी हैं। इसी माह यानी सितंबर में छह कंपनियां आईपीओ ला रही हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह छोटे निवेशकों के लिए बहुत ही बेहतरीन मौका है। अच्छी कंपनियों के आईपीओ में निवेश कर वे मोटी कमाई कर सकते हैं। 


ऐसे सही आईपीओ का चुनाव करें 
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सही आईपीओ पहचान हो जाए तो बेहद कम समय में आपकी रकम दो से तीन गुना बढ़ सकती है। पिछले कुछ सालों में ऐसे कई आईपीओ रहे हैं, जिनकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस से 50 फीसदी या 100 फीसदी ज्यादा भाव पर हुई है। हालांकि, इसके लिए सही रणनीति जरूरी है। किसी भी आईपीअइो में निवेश से पहले क्यूआईबी यानी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स का पता करें। साथ ही कंपनी के काम, बैलेंस सीट, भविष्य की योजनाओं का विस्तार से रिसर्च करें। विशेषज्ञों से क्यूआईबी का सही मूल्यांकन करा सकते हैं। इसके बाद आईपीओ का मूल्य देंखे। अगर सब कुछ ठीक लगे तो ही निवेश करें। कभी भी किसी कंपनी के कारोबारी मॉडल और बैलेंस सीट जाने बिना निवेश नहीं करें। 


एलआईसी के लिए बड़ा बेस तैयार होगा
कोरोना संकट के बीच शेयर बाजार में तेजी से छोटे निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है। इससे कंपनियां भी आईपीओ लाने को प्रोत्साहित हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस साल आने वाली जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के लिए बड़ा बेस तैयार करने का काम करेगा। सरकार एलआईसी के जरिए 80 हजार करोड़ रुपये बाजार से जुटाना चाहती है। इसके लिए करीबन 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिकेगी।  सरकार इस आईपीओ में बड़े पैमाने पर रिटेल निवेशकों की भागीदारी देख सकती है। आंकड़े बताते हैं कि 2019 में आईपीओ ने अच्छा रिटर्न दिया था। इस साल सबकी निगाहें एलआईसी के आईपीओ पर है।

अर्थव्यवस्था को बुस्टअप डोज
विशेषज्ञों का कहना है कि आईपीओ आने से यह संकते मिलते हैं कि कंपनियों को देश की अर्थव्यवस्था पर भरोसा बढ़ा है। कंपनियों में निवेशकों के पैसा लगाने से उनको अपनी कारोबारी जरूरत को पूरा करने और विस्तार देने में मदद मिलती है। इससे रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और बाजार में तेजी आती है। कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था के लिए आईपीओ को बुस्टअप डोज माना जा सकता है। 

सितंबर महीने में इन कंपनियों के आईपीओ 

कंपनी                                         आकार 
हैप्पी माइंड्स                            702 करोड़ 
रूट मोबाइल                            600 करोड़ 
एजेंल ब्रोकिंग                            600 करोड़ 
कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज    1500 करोड़ 
चेमकॉन स्पेशिएलिटी केमिकल    350 करोड़ 
यूटिआई  एमसी                       3800 करोड़ 

कोरोना के चलते आठ माह में सिर्फ दो आईपीओ आएं 

साल       कुल आईपीओ की संख्या 
2010        64
2011        37
2012        11
2013        03
2014        05
2015        21
2016        26
2017        36
2018        24
2019        16
2020        02

स्रोत: प्राइम डेटाबेस 

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