
ऑनलाइन फ्री ऑफर्स के चक्कर में लुटने से पहले जान लें क्या कहती है सरकार
संक्षेप: ऑनलाइन फ्री ऑफर के चक्कर में बहुत से लोग अपनी जमा-पूंजी गंवा देते हैं या फिर उनके महत्वपूर्ण डेटा सारबर ठगों तक पहुंच जाते हैं। अभी खबर आई है कि नौकरी ढूंढ़ने वाले करीब तीन करोड़ लोगों की जरूरी...
ऑनलाइन फ्री ऑफर के चक्कर में बहुत से लोग अपनी जमा-पूंजी गंवा देते हैं या फिर उनके महत्वपूर्ण डेटा सारबर ठगों तक पहुंच जाते हैं। अभी खबर आई है कि नौकरी ढूंढ़ने वाले करीब तीन करोड़ लोगों की जरूरी जानकारियां लीक हो गई हैं। वहीं करीब 2,000 भारतीयों के पहचान पत्र भी लीक हो चुके हैं। ऐसी घटनाओं से आपको बचाने के लिए सरकार का ट्विटर हैंडल है साइबर दोस्त।

गृह मंत्रालय की सलाह
साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए चलाए जा रहे अभियान वाले गृह मंत्रालय के इस ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त में साफ कहा गया है कि ऐसे लोगों से सावधान रहें। याद रखें इंटरनेट पर मिलने वाली बहुत कम सामग्रियां मुफ्त होती हैं। मुफ्त में चीजें देने के एवज में साइबर ठग आप को फंसा सकते हैं, इसलिए ऑनलाइन फ्री ऑफर्स से सावधान रहें। यही नहीं, जॉब सर्च पोर्टल रजिस्ट्रेशन के लिए भी गृह मंत्रालय की तरफ से सलाह दी गई है कि ऐसी जगहों पर रजिस्ट्रेशन के पहले भली-भांति उनकी प्राइवेसी पॉलिसी को पढ़ लें ताकि आपको पता रहे कि आपकी जानकारी का किन हाथों में इस्तेमाल किया जाने वाला है।
याद रखें कि इंटरनेट पर मिलने वाली चीजें/सामग्री बहुत कम ही निःशुल्क होती हैं। “Free” Screensavers आदि में सामान्यतया malware होता है। इसलिए, ऐसे ऑनलाइन फ्री ऑफर से सावधान रहें।
ऐसे होती है ठगी
जानकारों का दावा है कि साइबर सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले चोर ऐसी ही निजी जानकारियों का इस्तेमाल कर लोगों को स्पैम ईमेल और एसएमएस भेजकर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं। ऐसे लोग स्पैम ईमेल में नौकरी का झांसा देने वाली जानकारी भेजने या फिर लॉटरी की रकम देने का दावा करता हुआ लिंक भेजते हैं जिसे क्लिक करते ही व्यक्ति का मोबाइल या फिर लैपटॉप उनके कब्जे में चले जाने की आशंका रहती है।
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साइबर मामलों के विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने ‘हिन्दुस्तान' से बातचीत में इस लीक को भविष्य के लिहाज से बेहद गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि अमूमन ऐसी जानकारियां लोग बेचते हैं लेकिन मुफ्त में ये तमाम चीजें साइबर स्पेस के लिए बड़ा खतरा बन गई हैं। पवन दुग्गल के मुताबिक इनमें 2.9 करोड़ लोगों की निजी जानकारियों के साथ-साथ उनके स्कूल और नौकरियों के संस्थानों से जुड़ी अहम जरूरी जानकारियां होंगी जो आने वाले दिनों में सभी के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि भारत अगर अब भी साइबर सुरक्षा और उससे जुड़े कानूनों के प्रति गंभीर नहीं होता है तो आने वाले दिनों में भयानक परिणाम देखने पड़ सकते हैं।





