फर्जी मूवर्स-पैकर्स से सावधान, बीच रास्ते में बिक जाएगा आपके घर का सारा सामान
घर और ऑफिस का सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करने वाले पैकर्स-मूर्वस उद्योग में फर्जी कंपनियां ग्राहकों को सस्ते का लालच देकर ठग रही हैं। पैएमएफआई के अनुसार नामी गिरामी कंपनियों से मिलते जुलते नामों वाली कंपनियों से भी उपभोक्ता गुमराह होते हैं।
घर और ऑफिस का सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करने वाले पैकर्स-मूर्वस उद्योग में फर्जी कंपनियां ग्राहकों को सस्ते का लालच देकर ठग रही हैं। पैकर्स मूवर्स कंपनियों के शीर्ष संगठन मूवर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एमएफआई) ने ग्राहकों को सचेत करते हुए कहा है कि डिजिटल उपयोग के बाद फजीर्वाड़े में तेजी आई है और बिना कंपनियों की पड़ताल किए इनपर भरोसा करना परेशानी का सबब बन सकता है।
एक मोबाइल सिम के जरिये अपना काम शुरू
संगठन का कहना है कि हर दिन दो से तीन ऐसे मामले आ रहे हैं जिनमें फर्जी कंपनियां सामान लेकर गायब हो रही हैं। एमएफआई के प्रवक्ता और सचिव अनूप मिश्रा ने बताया कि पांच अरब डॉलर के इस उद्योग में सीधे तौर पर 40 से 45 लाख लोगो को रोजगार मिला हुआ है। जबकि अप्रत्यक्ष रूप की यह संख्या कई गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि इस उद्योग के लिए लाइसेंस की कोई नीति नहीं है और फर्जी कंपनियां महज एक मोबाइल सिम के जरिये अपना काम शुरू कर देती हैं।
बीच रास्ते में बिक जाता है समान
फर्जी कंपनियां भाड़े के मजदूर और भाड़े की गाड़ी के जरिये उपभोक्ताओं के घर का सामान पैक करवाती हैं और निर्धारित स्थान पर पहुंचाने की बजाय से बीच रास्ते में कहीं बेच देती हैं। शिकायत के बाद ऐसी कंपनियों को ढुंढना मुश्किल होता है क्योंकि उनका कोई रिकॉर्ड नहीं होता है। एमएफआई के अनुसार नामी गिरामी कंपनियों से मिलते जुलते नामों वाली कंपनियों से भी उपभोक्ता गुमराह होते हैं।
एमएफआई का कहना है कि ऐसे मामलो को देखते हुए उसने अपनी वेबसाइट पर एक कंपनियों की सूची बनाई है जिनके जरिये उपभोक्ता सेवाएं ले सकते हैं। इस सूची में कंपनियों को कई चरणों की जांच-परख के बात स्थान मिलता है और उनके द्वारा की गई किसी भी गलती पर संगठन सख्त कदम उठाता है।
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