डिजिटल ट्रांजैक्शन फेल होने पर बैंक देगा 100 रुपये रोज का हर्जाना
अगर आपने किसी को अपने यूपीआई से भुगतान किया और आपक खाते से पैसे कट गए आर दुकानदार को नहीं मिले तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस तरह के मामलों में खाते से कटी रकम बैंक को तुरंत लौटानी होती है। अगर...
अगर आपने किसी को अपने यूपीआई से भुगतान किया और आपक खाते से पैसे कट गए आर दुकानदार को नहीं मिले तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस तरह के मामलों में खाते से कटी रकम बैंक को तुरंत लौटानी होती है। अगर शिकायत दर्ज होने के सात दिनों के भीतर ग्राहक के खाते में पैसा नहीं आता है तो कार्ड जारी करने वाले बैंक को रोजाना 100 रुपये के हिसाब से हर्जाना चुकाना पड़ता है। फेल ट्रांजेक्शन के मामले में आरबीआई के ये नियम 20 सितंबर 2019 से लागू हैं।
यह भी पढ़ें: डिजिटल लेनदेन: इन आठ बैंकों के ग्राहकों को भी झेलनी पड़ी मुसीबत
अगर आपका डिजिटल ट्रांजैक्शन करने पर पैसा वापस नहीं आता है तो आप यूपीआई ऐप जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए आपको पेमेंट हिस्ट्री ऑप्शन पर जाना होगा। यहां आपको रेज डिस्प्यूट पर जाना होगा। रेज डिस्प्यूट पर अपनी शिकायत दर्ज करा दें। बैंक आपकी शिकायत को सही पाने पर पैसा लौटा देगा।
सरकारी बैंकों की हालत सबसे खराब
एनपीसीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी बैंक में कॉरपोरेशन बैंक में ग्राहकों को सबसे अधिक परेशानियां झेलनी पड़ीं हैं। इसमें करीब 14.8 फीसद लेनदेन फेल हुए हैं। वहीं, कैनरा बैंक में 9.8 फीसद, बैंक ऑफ इंडिया में 4.2 फीसद भुगतान फेल हुए हैं। वहीं देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक में 3.7 फीसद लेनदेन फेल हुए हैं। वहीं, निजी बैंकों में एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में एक फीसद से भी कम लेनदेन फेल हुए हैं। कोटक महिंद्रा बैंक के सबसे अधिक 2.36 लेनदेन अक्तूबर महीने में फेल हुए।
शिकायतों में मामले में दूसरे नंबर पर एचडीएफसी
देश में ग्राहकों की तरफ से सेवाओं से जुड़ी शिकायतों के मामले में भी एचडीएफसी बैंक दूसरे नंबर पर रहा है। हिन्दुस्तान को सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक रिजर्व बैंक के कम्प्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम यानी सीएमए पोर्टल पर एक साल की अवधि में एचडीएफसी के खिलाफ 30 हजार शिकायतें आई थी।