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क्रेडिट कार्ड बिल को EMI में बदलने से बचें, ऐसे करेंगे भुगतान तो होगा फायदा

फ्लिपकार्ट और अमेजन ने पांच दिन चले त्योहारी सीजन की ‘सेल’ में करीब 15,000 करोड़ रुपये की बिक्री की है। यानी बहुत सारे लोग ने अधिक छूट पाने के चक्कर में अपने बजट से बाहर जाकर खरीदारी की...

क्रेडिट कार्ड बिल को EMI में बदलने से बचें, ऐसे करेंगे भुगतान तो होगा फायदा
नई दिल्ली। हिटीTue, 16 Oct 2018 07:22 PM
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फ्लिपकार्ट और अमेजन ने पांच दिन चले त्योहारी सीजन की ‘सेल’ में करीब 15,000 करोड़ रुपये की बिक्री की है। यानी बहुत सारे लोग ने अधिक छूट पाने के चक्कर में अपने बजट से बाहर जाकर खरीदारी की है। अब वैसे लोगों को बिल भुगतान करने की चिंता सता रही है। अगर क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय से नहीं किया तो बैंक 36 प्रतिशत तक ब्याज वसूलेंगे। साथ ही क्रेडिट स्कोर और वित्तीय लक्ष्य भी प्रभावित होगा। अगर आप भी इस त्योहारी सेल में क्रेडिट कार्ड से खरीदारी कर फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं तो हम आपकी मदद के लिए यहां कुछ उपाय बता रहे हैं।

बचत के पैसे करें बिल का भुगतान करें 
अगर क्रेडिट कार्ड का बकाया मासिक आय से चुकाना संभव नहीं है तो आप बचत के पैसे का इस्तेमाल कर बिल भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं। अगर आप एफडी, आरडी या शेयर बाजार में निवेश कर रखा है तो वहां से पैसा निकाल कर बिल का भुगतान करें। ऐसा इसलिए कि आपको एफडी पर 8 से 9 प्रतिशत का ही ब्याज मिलेगा वहीं क्रेडिट कार्ड के बकाये पर आपको 24 से 36 प्रतिशत तक ब्याज देना होगा। 

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टॉप-अप लोन भी एक बेहतर विकल्प 
अगर आपके पास बचत नहीं है तो आप टॉप-अप लोन या गोल्ड लोन का सहारा ले सकते हैं। आप होम लोन पर टॉप-अप करा कर या गोल्ड लोन लेकर आप क्रेडिट का बिल का भुगतान कर सकते हैं। इन दोनों पर आपको 9 से 11 प्रतिशत की दर से लोन मिल जाएंगे। यानी आप सस्ते ब्याज पर लोन लेकर महंगे कर्ज से छुटकारा पा सकते हैं। 

गलत आदत है मिनिमम पेमेंट का भुगतान
अक्सर यह देखा जाता है कि जब लोग क्रेडिट कार्ड का बिल का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो वे सिर्फ मिनिमम पेमेंट का भुगतान करने लगते हैं। यह एक गलत आदत है। मिनिमम पेमेंट के भुगतान के बाद बकाया रकम पर 2 से 3 फीसदी प्रति माह ब्याज भुगतान करना होता है। इस तरह आप पर कर्ज का बोझ बढ़ जाता है। आपको सालाना 36 से 40 फीसदी ब्याज चुकाना होता है। 

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कैशबैक के लालच में न फंसे
इन दिनों ई-कॉमर्स कंपनियां क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर छूट के अलावा 10% तक अतिरिक्त कैशबैक ऑफर रही हैं। इसके पीछे यह गणित है कि क्रेडिट कार्ड देने वाले बैंक चाहते हैं कि आप क्रेडिट की सुविधा का अधिकतम उपयोग करें। इससे एक ओर ई-कॉमर्स कंपनी की बिक्री बढ़ेगी। बिक्री बढ़ने पर उनका मुनाफा बढ़ेगा। वह उस मुनाफे में से बैंक को तय हिस्सेदारी देते हैं। वहीं जब आप समय पर पेमेंट नहीं कर पाते हैं तो बैंक भी आपसे मोटा ब्याज वसूलते हैं।  इसलिए कभी भी कैशबैक या रिवॉर्ड प्वाइंट के लिए ज्यादा खर्च न करें।

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