कोरोना से विमानन कारोबार बुरी तरह प्रभावित, पहली तिमाही में कमाई 86 फीसदी घटी
कोरोना महामारी के दौर में विमानन उद्योग का न सिर्फ कारोबार प्रभावित हुआ है बल्कि हजारों लोगों की नौकरी भी चली गई है। संसद में सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले साल की पहली तिमाही के...
कोरोना महामारी के दौर में विमानन उद्योग का न सिर्फ कारोबार प्रभावित हुआ है बल्कि हजारों लोगों की नौकरी भी चली गई है। संसद में सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले इस साल भारतीय वाहकों का राजस्व करीब 86 फीसदी घट गया है। विशेषज्ञों की राय में रेग्युलेटरी मुश्किलों के चलते देश की इस दौर में पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पाई हैं। विमानन सेवाओं से जुड़े कैप्टन अरविंद सिंह ने हिन्दुस्तान को बताया है कि कोरोना काल में पूरी दुनिया लॉकडाउन से प्रभावित रही है, लेकिन भारत में इसका ज्यादा ही बुरा असर देखने को मिला है।
उन्होंने कहा कि जब यात्रियों की उड़ान के विकल्प बंद हो गए थे उस दौरान दुनिया के कई देशों में कंपनियों को माल ढुलाई की इजाजत दी गई जिससे न केवल उद्योग की आय के नए साधन बने बल्कि रोजगार का संकट भी नहीं देखा गया। उन्होंने कोरियन एयरलाइंस का उदाहरण देते हुए बताया कि कोरोना काल में भी कंपनी ने मुनाफा दर्ज किया है। लेकिन देश में काम करने वाली कंपनियों को कारोबार के लिए बनाए गए नियम कानूनों के चलते ये इजाजत मिलने में काफी देर हो गई। यही वजह है कि इंडस्ट्री मुश्किल दौर से गुजर रही है।
पिछले साल अप्रैल से जून तिमाही के दौरान उद्योग का राजस्व 25,517 करोड़ रुपए था जो इस साल की पहली तिमाही में 3651 करोड़ रुपए रह गया है। एयरपोर्ट ऑपरेशंस के जरिए पिछले साल के मुकाबले इस साल पहली तिमाही में 894 करोड़ रुपए रह गया है। साथ ही एयर इंडिया का कुल राजस्व करीब 80 फीसदी घटकर 1531 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।
विमानन तेजी से बढ़ी बेरोजगारी
कमाई घटने का नुकसान इंडस्ट्री में नौकरियों पर भी देखने को मिल रहा है। सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक एयरलाइन्स में 31 मार्च के मुकाबले 31 जुलाई तक नौकरियां पांच 5 हजार घटकर 69,589 पर पहुंच गई हैं। यही नहीं आठ हजार से ज्यादा ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों का स्टॉफ और तीन हजार से ज्यादा हवाई अड्डों में रोजगार घटे है। हालांकि कार्गो क्षेत्र में हालात कम बिगड़े हैं। यहां रोजगार के आंकड़े एक हजार की कमी देखी गई है। जानकारों का मानना है कि आने वाली तिमाहियों में कोरोना के हालात सुधरे तो इंडस्ट्री का घाटा धीरे धीरे कम होगा।
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