दिवाली वाले हफ्ते में अडानी ग्रुप को लेकर आई अच्छी खबर, अमेरिका से मिला लाखों डॉलर का सहयोग
Adani Group News: कोलंबो में श्रीलंकाई अधिकारी और अमेरिकी राजनयिकों के साथ बातचीत में करन अडानी (Karan Adani) ने बताया था कि उन्हें 553 मिलियन डॉलर का नया सहयोग अमेरिकी सरकार से मिला है।

अडानी ग्रुप (Adani Group) के लिए यह साल काफी चुनौती पूर्ण रहा है। साल के शुरुआत में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने भूचाल ला दिया था। लेकिन समय बीतने के साथ ही अडानी ग्रुप शेयर बाजार में अपनी खोई साख को वापस पाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। पोर्ट से लेकर एयरपोर्ट तक फैले अडानी ग्रुप के लिए गुड न्यूज आई है। कोलंबो में श्रीलंकाई अधिकारी और अमेरिकी राजनयिकों के साथ बातचीत में करन अडानी (Karan Adani) ने बताया था कि उन्हें 553 मिलियन डॉलर का नया सहयोग अमेरिकी सरकार से मिला है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार करण अडानी और इन अधिकारियों के साथ मीटिंग पिछले हफ्ते हुई थी।
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अमेरिका लगातार हिंद महासागर (Indian ocean) में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंतित है। बाइडन की सरकार इस प्रभाव को कम करने का प्रयास कर रही है। और ऐसे में अडानी ग्रुप की भूमिका पोर्ट बिजनेस में काफी अहम हो जाती है।
इतना क्यों खास है हिंद महासागर?
मौजूदा समय में पूरे कार्गो ट्रैफिक का एक तिहाई हिस्सा और तेल ट्रांसपोर्ट का 2 तिहाई हिस्सा हिंद महासागर से होकर गुजरता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो हिंद महासागर में चीन के प्रभुत्व को कम करने के लिए भारत के नजरिए से अडानी पोर्ट्स एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। मौजूदा समय में चीन पाकिस्तान ग्वादर पोर्ट के जरिए इस पूरे रास्ते पर दबाव बढ़ा रहा है। वहीं, इंडोनेशिया में भी अब पड़ोसी के मुफीद वाली सरकार आ गई है। ऐसे में भारत के लिए हिंद महासागर की चुनौती काफी बड़ी है।
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कोलंबो में ब्लूमबर्ग से बातचीत करते हुए अडानी पोर्ट्स के सीईओ करन अडानी ने कहा कि हम अपने पड़ोसी देशों में बन रहे मौकों को तलाश रहे हैं। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश, तंजानिया, वियतनाम सहित कई पूर्वी अफ्रीकी देश शामिल हैं। मौजूदा समय में अडानी पोर्ट्स की मौजूदगी श्रीलंका और इजराइल में है।
