अडाणी ग्रुप को मिली लखनऊ, अहमदाबाद और मेंगलुरु एयरपोर्ट की जिम्मेदारी
अहमदाबाद, लखनऊ और मेंगलुरु हवाई अड्डों का संचालन अधिकार 50 साल के लिए अडाणी समूह को मिल गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने शुक्रवार (14 फरवरी) को बताया कि अडाणी समूह की इकाइयों के साथ...
अहमदाबाद, लखनऊ और मेंगलुरु हवाई अड्डों का संचालन अधिकार 50 साल के लिए अडाणी समूह को मिल गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने शुक्रवार (14 फरवरी) को बताया कि अडाणी समूह की इकाइयों के साथ तीनों हवाई अड्डों के लिए आज कॉन्सेशन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इन हवाई अड्डों का संचालन निजी सार्वजनिक भागीदारी के आधार पर किया जाएगा।
अडाणी समूह के पास हवाई अड्डों के संचालन, प्रबंधन और विकास का अधिकार होगा। इन हवाई अड्डों से प्राप्त आय पर कंपनी का अधिकार होगा। अडाणी समूह ने पहली बार हवाई अड्डा क्षेत्र के कारोबार में कदम रखा है। उसने बताया कि उसकी इकाइयों अडाणी लखनऊ हवाई अड्डा लिमिटेड, अडाणी अहमदाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड और अडाणी मेंगलुरु हवाई अड्डा लिमिटेड ने तीनों हवाई अड्डों के लिए संबंधित अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता 50 साल के लिए किया गया है।
एएआई ने पिछले साल छह हवाई अड्डों का संचालन निजी सार्वजनिक भागीदारी के तहत निजी कंपनियों को सौंपने के लिए निविदा जारी की थी। इसमें अहमदाबाद, लखनऊ और मेंगलुरु के अलावा जयपुर, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे शामिल थे। सभी छह हवाई अड्डों के लिए अडाणी समूह सफल बोली दाता रहा था।
अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने एक ट्वीट में कहा, ''आज हमने मंगलूरु, लखनऊ और अहमदाबाद हवाईअड्डों के लिए एएआई के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और इससे देश की विमानपत्तन की बुनियादी संरचना संबंधी मांग को पूरा करने की एक अन्य ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत हो रही है।"
Over the past 30 years, @AdaniOnline has catered to critical demand gaps in India. Today as we sign the concession agreements for Mangaluru, Lucknow & A'bad with @AAI_Official, its the beginning of another historic journey catering to India's exponential airport infra demands.
— Gautam Adani (@gautam_adani) February 14, 2020
इनमें तीन हवाई अड्डों के लिए आज समझौते पर हस्ताक्षर हुए। एएआई ने बताया कि संचालन अधिकार के बदले अडाणी समूह से उसे जो एकमुश्त राशि मिलेगी उसका इस्तेमाल पुराने हवाई अड्डों के संचालन एवं विकास तथा छोटे हवाई तथा नए हवाई अड्डे बनाने के लिए किया जाएगा। सरकार ने 2018 में लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलूरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हवाईअड्डों का निजीकरण करने का निर्णय लिया था।
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