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चीन छोड़ने का प्लान बना रही कंपनियों को पीएम मोदी ने दिया न्योता, मैन्युफैक्चरिंग के लिए 5 पिलर और रिफॉर्म्स का वादा

पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 8 बजे जब देश को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत और 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया तब वह अपनी बात केवल देशवासियों तक नहीं पहुंचा रहे थे, बल्कि उन्होंने चीन...

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 13 May 2020 10:21 AM
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पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 8 बजे जब देश को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत और 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया तब वह अपनी बात केवल देशवासियों तक नहीं पहुंचा रहे थे, बल्कि उन्होंने चीन छोड़ने का प्लान बना रही कंपनियों को भी न्योता दिया। पीएम ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए उन सभी रिफॉर्म्स का वादा किया जिसकी वजह अधिकतर कंपनियां भारत आने से हिचकिचाती रही हैं। पीएम ने उन्हें मुफीद माहौल और मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, सप्लाई चेन, डेमोग्राफी, लेबर, स्किल देने की बात कही। उन्होंने भारत में उपभोग से लेकर यहां के बेहतरीन टैलेंट और श्रम से भी निवेशकों को लुभाया।  

आत्मनिर्भर भारत जो दूसरों के लिए भी करे उत्पादन
पीएम नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' की बात की। लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इसमें केवल भारत का नहीं बल्कि दुनिया का फायदा है। माना जा रहा है कि पीएम का इशारा भारत को ऐसे मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की ओर है, जो ना केवल अपनी खपत के लिए उत्पादन करे बल्कि दुनिया को भी निर्यात करे। जैसा चीन पिछले कुछ दशकों में करता रहा।  

'हम बनाएंगे बेस्ट प्रॉडक्ट्स'
पीएम मोदी ने भारतीय प्रॉडक्ट्स की गुणवत्ता बेहतर बनाने की बात कही। उन्होंने कहा, ''आज हमारे पास साधन है, सामर्थ्य है, हमारे पास दुनिया की सबसे बेहतरीन टैलेंट है। हम बेस्ट प्रॉडक्ट्स बनाएंगे। अपनी क्वॉलिटी और बेहतर बनाएंगे। सप्लाई चेन को आधुनिक बनाएंगे। यह हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे।'' 

पांच पिलर पर टिका प्लान
पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए पांच पिलर की बात कही। असल में यही पांच पिलर किसी देश को निवेश और मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए जरूरी है। चीन भी इन्हीं पांच पिलर के दम पर खुद को मजबूत कर सका है। पीएम मोदी ने इन पांच पिलर को भारत में भी खड़ा करने की बात कही। उन्होंने क्वांटम जंप लगाने वाली इकॉनमी, आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, टेक्नॉलजी आधारित सिस्टम, वाइब्रेंट डेमोग्राफी और सप्लाई चेन को मजबूत करने की बात कही। असल में निवेश करने से पहले कंपनियां इन बातों पर ही फोकस करती हैं। पीएम ने कंपनियों को इशारा किया है कि भारत में उन्हें ये पांचों पिलर उपलब्ध कराए जाएंगे।  

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बड़े रिफॉर्म्स का ऐलान
पहले कार्यकाल में कई बड़े रिफॉर्म लागू करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर इस राह पर बढ़ने की घोषणा की। पीएम ने खेती से जुड़ी सप्लाई चेन में सुधार की बात की। इसके अलावा सरल टैक्स सिस्टम, उत्तम इनफ्रास्ट्रक्चर, समर्थ ह्यूमन रिसोर्सेज और मजबूत फाइनैंशल सिस्टम के निर्माण के लिए भी रिफॉर्म का ऐलान किया। पीएम ने कहा कि ये रिफॉर्म बिजनेस को प्रोत्साहित करेंगे। निवेश को बढ़ाएंगे और मेक इन इंडिया के संकल्प को मजबूत करेंगे। 

ग्लोबल सप्लाई का लक्ष्य
पीएम ने कहा, ''आज समय की मांग है कि भारत हर स्पर्धा में जीते। ग्लोबल सप्लाई चेन में बड़ी भूमिका निभाए। इसे समझते हुए आर्थिक पैकेज में अनेक प्रावधान किए गए हैं। आर्थिक पैकेज में अनेक प्रावधान किए गए हैं। इससे हमारे सभी सेक्टर की एफिशिएंसी बढ़ेगी और क्वालिटी सुनिश्चित होंगी।''

लोकल के लिए हों वोकल
पीएम मोदी ने ''लोकल के लिए वोकल'' का मंत्र देकर जनता से अपील की कि भारत में बने प्रॉडक्ट्स का अधिक इस्तेमाल करें। उन्होंने भारतीय ब्रैंड्स को ग्लोबल बनाने की बात कही। असल में पीएम ने निवेश की इच्छुक कंपनियों को यह भी बता दिया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। यहां जो कंपनियां उत्पादन करेंगी उनकी खपत के लिए उपभोक्ता भी मौजूद हैं। 

पीएम मोदी ने कहा, ''कोरोना संकट ने में हमें लोकल मैन्युफैक्चरिंग और लोकल मार्केट का महत्व समझा दिया है। संकट में लोकल ने ही हमारी डिमांड पूरी की है। हमें इस लोकल ने ही बचाया है, लोकल सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है। समय ने हमे सिखाया है कि लोकल को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना ही होगा। आज जो आपको ग्लोबल ब्रैंड्स लगते हैं वे भी कभी लोकल थे, लेकिन जब वहां के लोगों ने उनका इस्तेमाल और प्राचर शुरू किया तो वे प्रोडक्ट्स लोकल से ग्लोबल बन गए। इसलिए आज भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है। ना सिर्फ लोकल प्रॉडक्ट खरीदने हैं बल्कि प्रचार भी करना है। हमारा देश ऐसा कर सकता है।'' 

चीन छोड़ना चाहती हैं 1000 कंपनियां
पहले अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध और अब कोरोना वायरस संकट की वजह से सप्लाई चेन प्रभावित होने के साथ चीन के खिलाफ दुनिया में बने माहौल की वजह से करीब एक हजार कंपनियां चीन से निकलना चाहती हैं। हाल ही में कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये कंपनियां भारत में फैक्ट्री लगाना चाहती हैं। मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, टेक्सटाइल्स तथा सिंथेटिक फैब्रिक्स की इनमें से कम से कम 300 कंपनियां भारत में फैक्ट्रियां लगाने के लिए सरकार से सक्रिय रूप से संपर्क में हैं। भारत इस मौके को दोनों हाथों से लपकना चाहता है। 

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