तनाव के बीच भारत से चीन के निर्यात में 78 फीसदी का उछाल
कोरोना संकट के बीच चीन से सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर उसके उत्पादों पर पाबंदी के बाद जून में भारत से चीन के निर्यात में 78 फीसदी से अधिक का उछाल देखा गया है। क्रिसिल की रिपोर्ट में यह बात सामने आई...

कोरोना संकट के बीच चीन से सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर उसके उत्पादों पर पाबंदी के बाद जून में भारत से चीन के निर्यात में 78 फीसदी से अधिक का उछाल देखा गया है। क्रिसिल की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इसमें कहा गया है कि चीन में भारतीय उत्पादों के निर्यात का प्रमुख कारण इस्पात, अयस्क और जैविक पदार्थों की मांग रहीहै। इसमें कहा गया है कि जिन देशों में कोरोना महामारी को काबू में कर लिया गया है, वहां भारत का निर्यात बढ़ा है। चीन के अलावा भारत से अन्य एशियाई देशों में भी निर्यात में तेजी है।
भारत से जून में निर्यात में वृद्धि कमी (फीसदी में)
देश | निर्यात |
चीन | 78.1 |
मलेशिया | 75.7 |
वियतनाम | 42.7 |
सिंगापुर | 36.5 |
दक्षिण कोरिया | 15.5 |
जापान | 4.6 |
यूएई | -53.2 |
ब्रिटेन | -33.8 |
जर्मनी | -17.9 |
अमेरिका | -11.2 |
ब्राजिल | -6.3 |
आत्मनिर्भर अभियान का भी असर
रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले अप्रैल माह में चीन में भारतीय उत्पादों के निर्यात में 60.2 फीसदी की गिरावट आई थी। जबकि जुलाई में इसमें 10 फीसदी की बढ़त आई थी। कोरोना के कारण अमेरिका, ब्राजिल और ब्रिटेन में भारत का निर्यात कम हुआ है। चीन के बाद एशियाई देशों में मलयेशिया में भारत का निर्यात 76 फीसदी रहा। जबकि वियतनाम को 40 फीसदी से अधिक और सिंगापुर को 35 फीसदी से अधिक निर्यात किया।
आर्थिक रफ्तार तेजी होने के संकेत
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गाय है कि आने वाले दिनों में निर्यात उन देशों में बढ़ेगा, जहां कोरोना वायरस के मामले कम हो रहे हैं और आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं। चीन इसका सबसे बेहतर उदाहरण है। अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले चीन में कोरोना की मार सबसे पहले पड़ी और वह सबसे पहले उबरने में कामयाब भी रहा। अप्रैल-जून तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 3.2 फीसदी रही। जबकि दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट आई है। ब्रिटेन की जीडीपी में 10 फीसदी से अधिक गिरावट आई है।
सरकार का निर्यात बढ़ाने पर जोर
पिछले दिनों केन्द्रीय एमएसएमई और राजमार्ग परिहवन मंत्री नितिन गडकरी ने निर्यात को लेकर एक केस्ट स्टडी का हवाला दिया था और उसके अनुसार भी निर्यात की रणनीति बनाने की सुझाव दिया था। गडकरी ने कहा था कि चीन का 70 फीसदी निर्यात 10 क्षेत्रों से जुड़ा है। इसमें 671 अरब डॉलर मूल्य की इलेक्ट्रिकल मशीनरी और उपकरण के निर्यात का 26.09 फीसदी और 417 अरब डॉलर मूल्य के कंप्यूटर उपकरण के निर्यात का 10.70 फीसदी भी शामिल हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
भारत से चीन को निर्यात तेजी से बढ़ने पर कुछ विशेषज्ञ शंका की नजर से भी देखते हैं। उनका कहना है कि चीन पल-पल अपनी रणनीति बदलते रहता है। उनका कहना है कि भारत से चीन ज्यादातर कच्चे माल का आयात करता रहा है जिसमें लौह और और अन्य अयस्क शामिल हैं। इसके बाद इससे इस्पात तैयार कर दोबारा भारत को तीन गुना दाम पर बेचता रहा है। अब चीन के उत्पादों पर सख्ती बढ़ने से वह भारत के कच्चे माल से उत्पाद बनाकर किसी दूसरे देश के जरिये फिर भारत में पहुंचाने की कोशिश न करे इसपर नजर रखनी होगी।